कांग्रेस प्रवक्ता राधिका खेड़ा (Radhika Khera) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन के बाद पार्टी सदस्यों द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, शीर्ष नेताओं से शिकायत के बाद भी न्याय नहीं मिला।
राधिका खेड़ा (Radhika Khera) ने अपने इस्तीफे में लिखा कि हर हिंदू के लिए प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली बहुत मायने रखती है। रामलला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। राधिका ने पत्र में लिखा कि मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए, जहां एनएसयूआई से लेकर पार्टी के मीडिया विभाग भाग में परी पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है, क्योंकि मैं अयोध्या में रामलला के दर्शन करने से खुद को रोक्र नहीं पाई।
मेरे इस फैसले का विरोध इस स्तर पर पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दुर्व्यवहार किया गया। मैंने हमेशा हर – मंच से दूसरों के न्याय के लिए लड़ाई लड़ी है, लेकिन जब मेरे लिए न्याय की बात आई तो मैंने खुद को पार्टी में पराजित पाया। सभी शीर्ष नेताओं को जानकारी देने के बाद भी जब न्याय नहीं मिला तो मैने पार्टी से इस्तीफा देना ही सही समझा।
गौरतलब है कि 30 अप्रैल को रायपुर स्थित पार्टी कार्यालय में वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा के अगले दिन आने को लेकर राधिका और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विंग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला के बीच बहस हुई थी।
कांग्रेस छोड़ने के बाद राधिका खेड़ा (Radhika Khera)
मैंने सबसे पहले सचिन पायलट को फोन किया लेकिन उनके पीए ने कहा कि वो अभी व्यस्त हैं…पार्टी की एक महिला के साथ इतनी बड़ी घटना हो रही है लेकिन उन्होंने मुझसे बात तक नहीं की…सचिन पायलट के पीए ही छत्तीसगढ़ के प्रभारी बने हुए हैं”
Rahul Gandhi की न्याय यात्रा नाम मात्र के लिए थी, मुझे लगता है कि वह सिर्फ एक ट्रैवल व्लॉगर बनना चाहते हैं और वह वहां ट्रैवल व्लॉगिंग कर रहे थे…
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