Maharashtra Election 2024 : सुप्रीम कोर्ट ने अजीत पवार गुट को ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह तो सौंपा, लेकिन इसके साथ कड़ी हिदायत भी दी

Maharashtra Election 2024 : शरद पवार ने याचिका दायर कर ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की थी। उनका आरोप था कि अजित पवार गुट सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन कर रहा है।

Maharashtra Election 2024 : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। हालांकि, कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पार्टी इस चिन्ह का उपयोग डिस्क्लेमर के साथ करेगी। आदेश के अनुसार, चुनाव प्रचार के दौरान हर जगह यह उल्लेख करना होगा कि यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। पिछले साल जुलाई में NCP में दो फाड़ होने के बाद, इस साल फरवरी में चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट के पक्ष में फैसला सुनाया था। लेकिन शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

शरद पवार गुट ने हाल ही में एक नई याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि अजित पवार गुट चुनाव प्रचार में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव से पहले निर्देश दिया था कि NCP (अजित पवार गुट) अपने प्रचार में यह डिस्क्लेमर जोड़े कि ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। शरद पवार ने याचिका में आरोप लगाया कि अजित पवार गुट ने इन निर्देशों का उल्लंघन किया है और ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की थी।

24 अक्टूबर को जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने अजित पवार गुट को निर्देश दिया कि वह नया हलफनामा दाखिल कर यह बताए कि विधानसभा चुनाव में कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन नहीं करेगा। बेंच ने यह भी कहा कि अगर भविष्य में निर्देशों का उल्लंघन होता है, तो कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगी।

शरद पवार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि अजित पवार गुट अपनी प्रचार सामग्रियों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है। उनका कहना था कि जिस चुनाव चिन्ह का मामला कोर्ट में विचाराधीन है, उसका किसी को राजनीतिक लाभ नहीं उठाना चाहिए। इस पर अजित पवार की ओर से वकील बलबीर सिंह ने आपत्ति जताई और दावा किया कि सभी प्रचार सामग्रियों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन हो रहा है।

हालांकि, सिंघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फेसबुक और X से कुछ पोस्टर्स के स्क्रीनशॉट पेश किए, जिसमें कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं दिखा। उन्होंने मुंबई में पार्टी ऑफिस के बाहर लगे एक बैनर की तस्वीर भी कोर्ट के सामने रखी। इसके बाद कोर्ट ने अजित पवार गुट को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया और मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को निर्धारित की।

पिछले साल 2 जुलाई को अजित पवार ने NCP में बगावत कर पार्टी के अधिकांश विधायकों के साथ बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल होकर पार्टी पर दावा किया था। इसके बाद मामला चुनाव आयोग के पास गया। 6 फरवरी 2024 को चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली NCP मानते हुए ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम के इस्तेमाल का अधिकार दिया था। इस फैसले को शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद कोर्ट ने शरद पवार गुट को ‘NCP (शरदचंद्र पवार)’ और ‘तुरहा बजाता व्यक्ति’ चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। साथ ही, अजित पवार गुट को ‘घड़ी’ सिंबल का इस्तेमाल डिस्क्लेमर के साथ करने का निर्देश दिया था।

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