Paris Paralympics 2024: रूबीना फ्रांसिस ने रचा इतिहास, पैरालंपिक में भारत को पिस्टल शूटिंग में मिला पहला मेडल

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Paris Paralympics 2024: रूबीना फ्रांसिस ने रचा इतिहास, पैरालंपिक में भारत को पिस्टल शूटिंग में मिला पहला मेडल

Paris Paralympics 2024: रूबीना फ्रांसिस ने रचा इतिहास, पैरालंपिक में भारत को पिस्टल शूटिंग में मिला पहला मेडल

Paris Paralympics 2024: रूबीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालंपिक 2024 के तीसरे दिन पैरा शूटिंग में कांस्य पदक जीता। पेरिस पैरालंपिक में यह भारत का पांचवां पदक है। पैरालंपिक के इतिहास में पहली बार भारत को पिस्टल शूटिंग में कोई मेडल हासिल हुआ है।

भारत की महिला पैरा निशानेबाज रूबीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालंपिक 2024 के तीसरे दिन भारत के लिए पांचवां मेडल जीता। रूबीना ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1) फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया। यह पहली बार है जब पैरालंपिक के इतिहास में भारत को पिस्टल शूटिंग में मेडल मिला है। रूबीना ने फाइनल में 211.1 अंक के साथ कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

रूबीना फ्रांसिस (Rubina Francis) ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1) फाइनल के लिए सातवें स्थान पर रहकर क्वालीफाई किया था। 25 वर्षीय रूबीना क्वालीफिकेशन दौर के अधिकांश समय में शीर्ष आठ निशानेबाजों से पीछे चल रही थीं, लेकिन अंत में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पदक की दौड़ में जगह बना ली। मध्यप्रदेश की यह निशानेबाज तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक के क्वालीफाइंग दौर में भी सातवें स्थान पर रही थीं और फाइनल में भी सातवें स्थान पर रही थीं।

Paris Paralympics 2024: रूबीना ने 556 के स्कोर के साथ फाइनल में अपनी जगह बनाई थी।

Paris Paralympics 2024: रूबीना फ्रांसिस ने रचा इतिहास, पैरालंपिक में भारत को पिस्टल शूटिंग में मिला पहला मेडल

RUBINA FRANCIS CREATES HISTORY: क्वालीफिकेशन दौर में रूबीना ने 556 अंकों के साथ आठ निशानेबाजों के फाइनल में प्रवेश किया। वहीं, दूसरी ओर, अपने दूसरे पैरालंपिक में हिस्सा ले रहे स्वरूप उन्हाल्कर पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग (एसएच1) के क्वालीफिकेशन दौर में 14वें स्थान पर रहे, जो निराशाजनक प्रदर्शन था, और वे आठ खिलाड़ियों के फाइनल में जगह नहीं बना सके। तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में 38 वर्षीय स्वरूप कांस्य पदक जीतने से चूक गए थे। शनिवार को भी वह 18 निशानेबाजों में 613.4 अंक ही हासिल कर सके।

एसएच1 वर्ग में वे पैरा निशानेबाज हिस्सा लेते हैं जो पिस्टल को बिना किसी कठिनाई के संभाल सकते हैं। इस वर्ग में निशानेबाज व्हीलचेयर या चेयर पर बैठकर या खड़े होकर निशाना लगा सकते हैं।