क्या हो रहा है दरभंगा में अब इंटरनेट भी बंद है?

Darbhanga News: क्या हो रहा है दरभंगा में अब इंटरनेट भी बंद है

Darbhanga News बिहार के दरभंगा जिले में प्रशासन ने “सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने” के लिए इंटरनेट को प्रतिबंधित कर दिया है। 27 जुलाई की शाम 4:30 बजे से यह आदेश लागू होगा। 30 जुलाई शाम 4 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। दरभंगा में पिछले कुछ दिनों से दो समुदायों के बीच हिंसा और विवाद की खबरें आती रहती हैं।

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बिहार गृह विभाग ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से दरभंगा में असामाजिक तत्वों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है। इसलिए बिहार सरकार ने इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1875 की धारा-5 के अधीन नेटवर्किंग वेबसाइटों को स्थगित कर दिया है। दरभंगा के डीएम और एसएसपी की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया गया।

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ऊपर लगाए गए नोटिस में बंद साइट्स और ऐप्स की सूची देख सकते हैं। हम आगे बढ़ते हैं और आपको उन घटनाओं की जानकारी देंगे, जो सरकार को ये निर्णय लेना पड़ा।

23 जुलाई को मंदिर के सामने झंडा लगाने पर बवाल Darbhanga News

23 जुलाई को घटना हुई है। दरभंगा शहर के मब्बी थाना क्षेत्र में एक मंदिर के निकट एक अन्य धर्म का झंडा लगाया गया था। माना जाता है कि ये झंडे मुहर्रम से संबंधित थे।

मंदिर के पास इस झंडे को लगाने का एक पक्ष ने विरोध किया। इस पक्ष ने धार्मिक झंडे को वहां से निकालकर सड़क की दूसरी ओर लगाने की मांग की। दोनों समुदायों में इस पर बहसबाजी हुई। फिर लोगों ने एक दूसरे पर हमला किया। दोनों तरफ लाठी, डंडे, ईंट, पत्थर और खाली शीशे की बोतलों का उपयोग हुआ। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को नियंत्रित किया।

इस घटना में कई लोग घायल हो गए हैं। चौराहे पर दुकानों को भी चोट लगी है। कुछ गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई। कवरेज करने वाले मीडियाकर्मी भी नहीं बख्शा गए।

घटना को एसएसपी अवकाश कुमार ने बताया कि धार्मिक झंडे को लगाने के कारण विवाद हुआ, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों में झड़प हुई। इस मामले में कार्रवाई की गई और 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

दलित की लाश को “चिता से गिराकर पीटा” और “पेशाब” किया

23 जुलाई की शाम लगभग 7:30 बजे कमतौल थाना क्षेत्र के हरिहरपुर टोला-मालपट्टी गांव में बीमारी से एक दलित व्यक्ति मर गया। दो समुदायों के उनके अंतिम संस्कार के दौरान बीच संघर्ष हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्रीकांत पासवान के शव के साथ कथित हत्या की गई। मृत शरीर को जलती चिता से उठाकर नीचे फेंक दिया गया, फिर उस पर पेशाब किया गया। शवयात्रा में आए लोगों को भी पीटा गया।

हमलावरों ने पुलिस को भी छोड़ दिया। उस पर भी पत्थर डाला गया। हैरानी यहीं नहीं खत्म होती। श्रीकांत पासवान के घर को आग लगा दी गई। श्मशानघाट के पास कुछ गाड़ियों में भी आग लग गई थी। श्रीकांत के बेटे लक्ष्मण ने देर रात अपने पिता का अंतिम संस्कार पुलिस-प्रशासन की उपस्थिति में किया।

पीड़ित दलित परिवार का दावा

उनके पूर्वजों की जमीन श्मशान घाट में है। 23 जुलाई की रात, दूसरे समुदाय के लोगों ने अचानक आकर इसे अपना अधिकार बताया। ये बहस करीब दो साल से चल रही है। तब से यहां अंतिम संस्कार नहीं हुए हैं। लेकिन जमीन ग्राम पंचायत की है।

श्रीकांत के दूसरे बेटे फेंकू पासवान ने रिपोर्ट में कहा

‘हम अपने पिता की हत्या करने के लिए श्मशान घाट गए थे। हमारे अंतिम संस्कार को वहां उपस्थित लोगों ने रोका। मृत शरीर को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया। हम लोगों से बदतमीजी की। हमारे पिता का शव गड्ढे में डाला गया। हमारे साथ संघर्ष करने लगे। हम पर भी पत्थर बरसाए। हमारे प्रमुख की कार को आग लगा दी गई। पुलिस की उपस्थिति में शव का अंतिम संस्कार बाद में किया गया।’

इस मामले में आठ लोग गिरफ्तार किए गए थे। पुलिस ने ट्वीट कर इस पूरे मामले की जानकारी दी।

दरअसल, दरभंगा के एसएसपी अवकाश कुमार ने कहा कि शव के साथ दुर्व्यवहार और शव पर पेशाब हुआ है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि शव को जलाने पर विवाद हुआ था, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में शव का संस्कार करवाया गया और वे खुद घटनास्थल पर पहुंचे थे।

दरभंगा में मुहर्रम के जुलूस पर विवाद

24 जुलाई की शाम को दूसरी बड़ी घटना हुई। मामला बरिऔल गांव का है, जो कमतौल थाना में आता है। प्रह्लाद कुमार ने बताया कि मुहर्रम में एक पक्ष के लोग जुलूस के साथ मिट्टी लाने जा रहे थे। रास्ते में एक मंदिर में भजन-कीर्तन हो रहे थे। इसी से बात शुरू हुई। एक पक्ष ने दूसरे पक्ष से मंदिर के सामने डीजे नहीं बजाने को कहा। जुलूस का आकार भी शिकायत का विषय था।

एक पक्ष ने कहा

जुलूस को उस रास्ते से नहीं ले जाना चाहिए अगर वह इतना बड़ा है। हालाँकि, दूसरा पक्ष प्रशासन से उस मार्ग से गुजरने की अनुमति ले लिया था। इन दोनों बातों पर दोनों पक्ष तन गए। पहले कहासुनी हुई, जो बाद में मारपीट में बदल गई।नगर पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंचकर मामले को शांत करवाया।

पुलिस अधीक्षक की निगरानी में मोहर्रम की मिट्टी की पूजा की गई।ध्यान दें कि इस घटना से जुड़ी बहुत सी रिपोर्टें कहती हैं कि एक पक्ष ने जुलूस निकालने का रास्ता बदल दिया था। दूसरा रास्ता उनका लक्ष्य था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, ये आरोप गलत हैं।

पिछले कुछ दिनों से दरभंगा में

इन तीन घटनाओं के अलावा और भी कुछ छोटे-बड़े विवाद हो रहे हैं। इन्हीं कारणों से सरकार ने सोशल मीडिया को बंद कर दिया है। माना जाता है कि असामाजिक लोग सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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