
चंडीगढ़ पी.जी.आई. में कांट्रैक्ट वर्कर्स की हड़ताल से वार्डों में कामकाज बुरी क तरह प्रभावित हुआ। हालत ये हो गए की कि हड़ताल पर गए कांट्रैक्ट * कर्मचारियों ने वार्डों में ऑक्सीजन सिलैंडर खोलने वाली चाबियां भी छुपा दी। इन हालात में मरीज, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
मेल मैडीकल वार्ड में एडमिट उत्तर प्रदेश के बक्सर से आए एक = मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ गई, लेकिन सिलैंडर खोलने की चाबियां किसी के पास नहीं मिली। पता चला कि हड़ताल पर गए स्टाफ पीके लोग चाबियां अपने साथ ले गए। फिर मरीज के अटैंडैंट को मार्कीट से जाकर सिलैंडर लाना पड़ा।
शनिवार को चंडीगढ़ पी.जी.आई. में यह हालात उस समय खड़े हो गए जब पी.जी.आई. के कांट्रैक्ट कर्मचारी 2 बजे के बाद की शिफ्ट में हड़ताल पर वले गए। तीन सब ऐसे भी थे जिन्हें पैक करने वाला स्टाफ न होने की वजह से राथ आए लोगों को घंटे इंतजार करना पड़ा। समान काम और समान वेतन समेत कई मांगों को लेकर पी.जी.आई. प्रशासन से बैठक की मांग कर रहे कांट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ शनिवार को तय बैठक न होने पर हड़ताल पर चला गया। वार्ड अटेंडेंट, सिक्योरिटी और लिफ्ट ऑप्रेटर सभेत 16 कैटेगरी के कर्मचारियों ने ये हड़ताल की।
सफाई कर्मचारी भी 2 बजे के बाद इयूरी पिछले 2 हफ्ते से पी. जी. आई. प्रशासन से अपनी मांगों के निपटारे के लिए मीटिंग की मांग कर रहा है। इन मांगों को लेकर कर्मचारी कुछ दिनों से मांकेतिक हड़ताल भी कर रहे थे लेकिन जब पी. जी. आई. प्रशासन बातचीत का समय नहीं दिया तो वे कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। देर शाम पी. जी. आई प्रशासन के साथ हुई बैठक में अगले महीने से बढ़ा हुआ वेतन देने पर सहमति के बाद ये हड़ताल खत्म हुई ।
कूड़ा इधर-उधर बिखरा पड़ा रहा हडताल पर कांट्रैक्ट पर काम कर रहे पी. जी. आई. का सिक्योरिटी स्टाफ और बाकी स्टाफ के शामिल होने से कई वाहों में हालात ज्यादा खराब हो गए। कुछ वार्डों में दोपहर के बाद सफाई न होने से कूड़ा के ढेर लगने शुरू हो गए। सर्जिकल और दूसरा कूड़ा इधर-उधर बिखरा पड़ा था।
कंटेनर भरने से कूड़ा इधर-उधर बिखरा पड़ा था। दोपहर 2 बजे के बाद शाम 8 बजे तक कूड़े को उठाने कोई नहीं आया। हड़ताल से ऑप्रिशन थिएटर में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ द्वारा अपनी शिफ्ट पूरी करने के सफाई के लिए छोड़े गए एपरन भी वैसे ही पड़े थे।
रात 9 बजे बनी सहमति
कट्रिष्ट स्टाफ के हड़ताल पर जाने से वाड़ों और दूसरी जगह काम पर असर पड़ने लगा तो पी. जी.आई. प्रशासन ने कांट्रैक्ट इम्प्लॉयज के नेताओं को शाम को बातचीत के लिए बुलाया। डायरैक्टर के बाहर जाने की वजह से बात नहीं हो पाई। ऐसे में दोपहर 12 बजे डायरेक्टर से यूनियन की बात हुई। हुई। मांग न माने जाने के बाद यूनियन ने सभी वर्करों को बुला लिया।
मामले को बढ़ता देख दोपहर 2.30 बजे एक बार फिर डायरैक्टर ऑफिस में यूनियन को बुलाया गया। रात 9 बजे यूनियन और पी जी आई प्रशासन के बीच सहमति हुई जिसमें वर्करों की मांगे मान ली गई है। पी.जी आई में इस वक्त 4000 से 4500 स्टाफ कॉन्ट्रेक्ट पर काम करता है। शनिवार को हॉफ के होने की वजह से मरीजों को ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।
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