आयुर्वेद बनाम एलोपैथ मामले मे बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अदालत की अवमानना पर सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई

बाबा रामदेव के वकील कोर्ट से बार बार माफी मांग रहे हैं। लेकिन कोर्ट माफ करने के मूड में नहीं है।

बाबा रामदेव के वकील कोर्ट से बार बार माफी मांग रहे हैं। लेकिन कोर्ट माफ करने के मूड में नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अवमानना की कार्यवाही करेंगे। माफी स्वीकार नहीं, आपने क्या किया है, आपको उसका अंदाजा नहीं है। आपने गंभीर मसलों का मजाक बना रखा है। आपको पता लगना चाहिए कि अदालत के आदेश का उल्लंघन करने का क्या नतीजा होता है।

सुप्रीम कोर्ट को इस बात से आपत्ति है कि पतंजलि और बाबा रामदेव ने अपनी दवाओं के प्रचार के क्रम में अंगेजी दावाओं का मजाक उड़ाया है। लेकिन भारत सरकार के वकील, सॉलिसिटर जनरल को इस बात से कोई आपत्ति नहीं है! उन्होंने कहा कि एलोपैथी दवायें आलोचना से ऊपर नहीं हैं। अंग्रेजी दवाओं की भी आलोचना की जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्प्णी: ऐसा लगता है कि पतंजलि के कार्यकलापों में केन्द्र और राज्य सरकार दोनों शामिल हैं! केंद्र सरकार को बताना होगा कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि, कोर्ट के आदेश के बावजूद भ्रामक और गलत दावे करती रही और सरकार ने आंखें बंद कर ली थीं। आयुष मंत्रालय को जवाब देना होगा!

सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को एक और मौका दिया है। कोर्ट ने बेहतर हलफनामा दायर करने को कहा है।
कोर्ट ने कहा कि राज्य लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने भी अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से नहीं निभाया। अगली सुनवाई पर भी बाबा रामदेव और बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होना होगा। 10 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।