Tata Institute of Social Sciences: टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज (टीआइएसएस) ने एक पीएचडी छात्र को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए दो साल के लिए निलंबित कर दिया है। पीएसएफ टीआइएसएस के बैनर तले दिल्ली में किए गए विरोध प्रदर्शन में छात्र के शामिल होने का हवाला देते हुए कार्रवाई की गई है।
डेवलपमेंटल स्टडीज में डाक्टरेट कर रहे रामदास प्रिंसिवनंदन को टीआइएसएस के मुंबई, तुलजापुर, हैदराबाद और गुवाहाटी परिसरों में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। रामदास वामपंथी छात्र संगठन प्रोग्रेसिव स्टूडेंट फोरम (पीएसएफ) से जुड़ा है। रामदास को भेजे गए सात मार्च को भेजे नोटिस में कहा गया कि पीएसएफ-टीआइएसएस के बैनर तले दिल्ली में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के दौरान संस्थान के नाम का दुरुपयोग किया गया।
टीआइएसएस ने 26 जनवरी से पहले ‘राम के नाम’ जैसे डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का भी हवाला दिया। इसे अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का अपमान करार दिया। छात्र पर पिछले जनवरी में टीआइएसएस परिसर में प्रतिबंधित बीबीसी डाक्यूमेंट्री दिखाने और “विवादास्पद अतिथि वक्ताओं” को आमंत्रित करके भगत सिंह मेमोरियल लेक्चर (बीएसएमएल) का आयोजन करने का भी आरोप लगाया गया।
दो साल के लिए टीआइएसएस के परिसरों में प्रवेश पर लगाई रोक कहा- राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को नहीं किया जा सकता बर्दाश्त
नोटिस में कहा गया कि यह स्पष्ट है कि छात्र अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर जानबूझकर ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हुआ। ये गतिविधियां राष्ट्र के हित में नहीं हैं। राष्ट्र विरोधी और देश का नाम खराब करने वाली इन गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। 18 अप्रैल को जारी निलंबन आदेश में टीआइएसएस ने कहा, समिति ने आपको संस्थान यानी टीआइएसएस से दो साल के लिए निलंबित करने की सिफारिश की है।
More Stories
Assam Expands Beef Ban to Hotels, Restaurants, and Public Places: CM Himanta Biswa Sarma’s Tough Stance
The Best Vacuum for Pet Hair: A Personal Journey to the Perfect Cleaner
Sukhbir Badal survived the attack outside Golden Temple as ex-militant Narayan Singh Chaura identified as attacker