![Rohini Acharya Vs Rajiv Pratap Rudy : जेपी और भिखारी ठाकुर की भूमि पर गढ़-विरासत बचाने की लड़ाई](https://thechandigarhnews.com/wp-content/uploads/2024/05/image-12.png)
Rohini Acharya Vs Rajiv Pratap Rudy : लोकनायक जेपी और भोजपुरी के मशहूर लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की जन्मभूमि रही बिहार की सारण सीट पर इस बार चुनावी संग्राम रोचक है। मैदान में पुराने महारथी पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी हैं तो उन्हें चुनौती देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की पुत्री रोहिणी आचार्य सियासी पिच पर उतरी हैं। पिछले दो चुनावों से लगातार जीत रहे रूडी हैट्रिक के सहारे भाजपा के गढ़ को बचाने, तो रोहिणी अपने पिता की विरासत बरकरार रखने की लड़ाई लड़ रहीं हैं। रूडी और लालू चार-चार बार सांसद रहे हैं।
2008 में परिसीमन के बाद सारण लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। इसके पहले यह छपरा संसदीय क्षेत्र था। 1952 से 1971 तक यह कांग्रेस का गढ़ रहा। 1977 में जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में लालू प्रसाद यादव ने इस किले को ढहा दिया और छपरा के सांसद बने। 1980 में जनता पार्टी से सत्यदेव सिंह और 1984 में राम बहादुर सिंह निवर्वाचित हुए। बाद में तो यह क्षेत्र लालू और रूडी पर ही केंद्रित हो गया। वीपी लहर के दौरान 1989 में लालू प्रसाद दोबारा सांसद बने। 1996 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रूडी पहली बार चुनाव जीते। 1999 में भी वह दूसरी बार निर्वाचित हुए।
परिसीमन के बाद पहली लड़ाई में लालू जीतेः शह-मांत के इस खेल में रोमांच तब बढ़ा, जब 2004 के आम चुनाव में लालू प्रसाद तीसरी बार छपरा से सांसद बने। परिसीमन के बाद सारण लोकसभा क्षेत्र के पहले चुनाव (2009) में भी लगातार दूसरी बार चुनाव जीत कर लालू प्रसाद सांसदों का चौका लगाने में कामयाब हुए।
पिछले दो चुनाव में रूडी विजेता बनेः 2014 में रूडी ने लालू प्रसाद की पत्नी व पूर्व सीएम राबड़ी देवी को पराजित किया। 2019 में रूडी ने लालू के समधी चंद्रिका राय को भी हराया। इसके बाद तो लालू के समाजवादी किले में सेंध लगाते हुए रूडी ने इसे भगवा का गढ़ बना लिया।
इस लोकसभा में छह विधानसभा क्षेत्र हैं। जिनमें चार पर राजद जबकि दो सीटों पर भाजपा का कब्जा है। सारण सीट पर मुद्दों, पार्टी या फिर खास व्यक्तित्व की भूमिका भले ही जीत में एन मायने रखती हो, बावजूद जिसने जातीय वि समीकरण को साधा व वोटों के बिखराव अ को रोका, उसका सिकंदर बनना लगभग म तय रहा है। कहा जाता है यहां रघुवंश में व यदुवंश में ही मुकाबला होता है।
Rohini Acharya Vs Rajiv Pratap Rudy क्यों खास है संसदीय क्षेत्र
लोकनायक जेपी की क्रांति का सारण पर असर रहा तो प्रसिद्ध भोजपुरी लोक कलाकार और गायक भिखारी ठाकुर की जन्मभूमि से भी इसकी पहचान है। यहां का हरिहर क्षेत्र में वि सोनपुर पशु मेला दुनियाभर में प्रसिद्ध है। पुरातात्विक स्थल चिरांद में खुदाई के दौरान नव पाषाण काल और ताप्म युग में आबादी होने के अवशेष मिल चुके हैं। यहां रेल पहियों और डीजल इंजन की फैक्ट्री भी स्थापित है।
चार बार सांसद रह चुके हैं राजीव प्रताप रूडी
राजीव प्रताप रूडी सुखोई और राफेल जैसे लड़ाकू विमान उड़ाने में भी माहिर हैं। चंडीगढ़ विवि की छात्र राजनीति सेन वह राजनीति में आए। चुनावी राजनीति में कूदने के बाद विधायक बने और फिर चार बार सांसद। लोकसभा के साथ ही राज्यसभा जाने और दो-दो बार केंद्र में मंत्री बनने का भी के उन्हें मौका मिला। फिलहाल पार्टी में राष्ट्रीय प्रवक्ता भी है।
चुनावी जंग में रोहिणी नई
राजद प्रत्याशी रोहिणी आचार्य एमबीबीएस हैं। सिंगापुर में रहने वाली रोहिणी द्वारा पिता लालू प्रसाद को किडनी दान देने के बाद देशभर में उनकी सराहना हुई। चुनावी जंग में वह नई है, पर रोड-शो व जनसंपर्क अभियान में उनका अदाज सधे सियासी खिलाड़ी की तरह है।
कब कौन जीता
Year | Winner | Party |
---|---|---|
1957 | राजेंद्र सिंह | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी |
1962 | रामशेखर सिंह | कांग्रेस |
1967 | रामशेखर सिंह | कांग्रेस |
1971 | रामशेखर सिंह | कांग्रेस |
1977 | लालू प्रसाद यादव | जनता पार्टी |
1980 | सत्यदेव सिंह | जनता पार्टी |
1984 | राम बहादुर सिंह | जनता पार्टी |
1989 | लालू प्रसाद यादव | जनता दल |
1991 | लालबाबू राय | जनता दल |
1996 | राजीव प्रताप रूडी | भारतीय जनता पार्टी |
1998 | हीरालाल राय | राष्ट्रीय जनता दल |
1999 | राजीव प्रताप रूडी | भारतीय जनता पार्टी |
2004 | लालू प्रसाद यादव | राष्ट्रीय जनता दल |
2009 | लालू प्रसाद यादव | राष्ट्रीय जनता दल |
2014 | राजीव प्रताप रूडी | भारतीय जनता पार्टी |
2019 | राजीव प्रताप रूडी | भारतीय जनता पार्टी |
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