Donald Trump की हत्या की तीसरी साजिश नाकाम रैली स्थल के बाहर संदिग्ध लोडेड गन के साथ गिरफ्तार - The Chandigarh News
Donald Trump की हत्या की तीसरी साजिश नाकाम रैली स्थल के बाहर संदिग्ध लोडेड गन के साथ गिरफ्तार

Donald Trump की हत्या की तीसरी साजिश नाकाम रैली स्थल के बाहर संदिग्ध लोडेड गन के साथ गिरफ्तार

Donald Trump की रैली से एक व्यक्ति को लोडेड गन और हैंडगन के साथ गिरफ्तार किया गया है। इस व्यक्ति के पास से फर्जी प्रेस और वीआईपी पास भी बरामद किया गया है। अमेरिकी पुलिस के अनुसार, यह ट्रंप की हत्या की तीसरी साजिश हो सकती है।

Donald Trump की हत्या की तीसरी साजिश नाकाम रैली स्थल के बाहर संदिग्ध लोडेड गन के साथ गिरफ्तार

Donald Trump की अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। इस बीच, पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की रैली के बाहर पुलिस ने एक व्यक्ति को बंदूक और फर्जी पास के साथ गिरफ्तार किया है। रिवरसाइड काउंटी शेरिफ कार्यालय के मुताबिक, रैली शुरू होने से कुछ समय पहले कोचेला के एवेन्यू 52 और सेलिब्रेशन ड्राइव के चौराहे के पास एक चेकपॉइंट पर इस व्यक्ति को पकड़ा गया। अधिकारियों ने इस घटना को ट्रंप की हत्या की तीसरी साजिश होने का संदेह जताया है।

रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्ति का नाम वेम मिलर है। उसे रैली के एंट्री गेट से आधा मील दूर एक चेकपॉइंट पर गिरफ्तार किया गया। रिवरसाइड काउंटी के शेरिफ चाड बियान्को ने बताया कि उसके पास से फर्जी प्रेस और वीआईपी पास बरामद हुआ, जिससे उस पर संदेह हुआ।

चाड बियान्को ने आगे कहा, “वेम मिलर कथित तौर पर पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या की साजिश रच रहा था। हमने शायद एक और हत्या की कोशिश को नाकाम कर दिया है। मिलर के पास से एक लोडेड गन, एक हैंडगन और एक मैगजीन बरामद की गई है।”

आरोपी वेम मिलर को 5 हजार डॉलर की जमानत राशि जमा करने के बाद रिहा कर दिया गया है। अब 2 जनवरी 2025 को उन्हें कोर्ट में पेश होना होगा।

वेम मिलर कौन है?

वेम मिलर एक दक्षिणपंथी गुट का सदस्य है, जिसे सरकार विरोधी माना जाता है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मिलर ने UCLA से मास्टर डिग्री हासिल की है और 2022 में नेवादा स्टेट असेंबली का चुनाव भी लड़ा था।

मिलर का कानूनी झगड़ों का लंबा इतिहास रहा है, और माना जाता है कि वह संप्रभु नागरिक आंदोलन से जुड़ा हुआ है। यह आंदोलन षडयंत्र के सिद्धांतों (कॉन्सपिरेसी थ्योरी) पर आधारित है, और इसे अति-दक्षिणपंथी समूह माना जाता है। इस समूह का दावा है कि सरकारों के पास उनके खिलाफ कोई वैध अधिकार नहीं है। FBI ने इन्हें सरकार विरोधी अतिवादी (extremists) के रूप में चिह्नित किया है। ये लोग संयुक्त राज्य अमेरिका में रहते हैं, लेकिन खुद को देश से अलग या संप्रभु मानते हैं।

ट्रंप पर पहले भी हो चुके हैं हमले

इस साल 13 जुलाई को डॉनल्ड ट्रंप पर हमला किया गया था, जिसमें वे बाल-बाल बच गए थे। पेंसिलवेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान एक गोली उनके कान को छूते हुए निकल गई थी। इस हमले में ट्रंप को चोट आई थी। हमलावर की पहचान थॉमस क्रुक्स के रूप में हुई थी, जिसे एक सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर ने गोली मार दी थी।

इसके कुछ दिन बाद, 16 सितंबर को भी डॉनल्ड ट्रंप को निशाना बनाया गया था, जब वे फ्लोरिडा के गोल्फ कोर्स एरिया में गोल्फ खेल रहे थे। इस मामले में पुलिस ने रायन वेस्ली राउथ नाम के हमलावर को गिरफ्तार किया था।