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Neha Singh Rathore Hostel Kand क्या है, जिसके लिए पत्रकार ट्विटर पर आपस में भीड़ गए

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Neha Singh Rathore Hostel Kand क्या है, जिसके लिए पत्रकार ट्विटर पर आपस में भीड़ गए

Neha Singh Rathore Hostel Kand क्या है, जिसके लिए पत्रकार ट्विटर पर आपस में भीड़ गए

Neha Singh Rathore Hostel Kand Video: चन्दन शर्मा नाम के एक पत्रकार ने अपने ट्विटर पे लोगो से पूछा “भाई कोई बताएगा. इस नेहा सिंह राठौड़ ने हॉस्टल में कौन सा कांड किया था जो लोग हॉस्टल कांड Neha Singh Rathore Hostel Kand लिखकर कमेंट कर रहें हैं? आज मुझे पुरा सच जानना है, जिसके पास भी जो जानकारी है वह दिल खोलकर बताइए, शर्माना बिल्कुल भी मत, क्योंकि सच बोलने में कैसा शर्म?

फिर एंट्री हुई श्याम मीरा सिंह की जो सीधे धमकी देते हुवे अपने ट्वीट में लिखते है “चंदन शर्मा हद में रह। हमारी बहन बेटियों पर कमेंट करेगा तो इतने लापड़ कान पर चापे जाएँगे कि तेरा पूरा खानदान तेरे कान से पेट्रोल निकालकर US शिफ्ट हो जाएगा”।

चंदन शर्मा ने श्याम मीरा सिंह को जवाब देते हुवे लिखा “श्याम मीरा सिंह, मेरा बात ध्यान से सुन अगर नेहा सिंह राठौड़ तेरी बहन बेटी है तथा भारत के प्रधानमंत्री के बारे में आपत्तिजनक वीडियो बनाकर मजे लूटेगी फिर मोदी जी के परिवार के लोग भी नकारा और निकम्मा नहीं है, उन्हें भी मुंहतोड़ जवाब देने आता है। हालांकि मैंने सिर्फ इतना पूछा है उससे की हॉस्टल कांड क्या है? तो इसमें गुस्सा होने वाली कौन सी बात है? तू बता दे की हॉस्टल कांड क्या है? आखिर हॉस्टल कांड में ऐसी क्या सच्चाई छुपा हुआ है कि तुम सारे कांग्रेसी और वामपंथियों का गां$ जल उठा है?

तेरी मुंह बोली बहन नेहा सिंह राठौड़ प्रधानमंत्री को बुढ़ा, चौकीदार चोर है, घोटालेबाज, चंदा लेकर धंधा करने वाला, चंदा चोर, लुटेरा, रिश्वतखोर और भी बहुत कुछ बोल रहीं हैं, जवाब तो मिलेगा हीं

तू मेरा जो उखाड़ सकता है उखाड़ लें और मेरी तरफ से एक एडवाइज भी मुफ्त में ले लें, जो भी उखरेगा ना उसका जंतर बनाकर गले में लटका लेना नजर नहीं लगेगी रही बात, मेरा मार पिटाई करने का तो अपने बाप को बोल तेरे जैसा 10-20 और पैदा करें उसके बाद सोचना”

नेहा सिंह राठौर ने हॉस्टल कांड’ की सच्चाई बताया

मोदीजी के तथाकथित परिवार के पास मेरे सवालों का कोई जवाब नहीं है तो ज़ाहिर है गालियाँ ही देंगे! जैसा परिवार वैसे संस्कार! पहले मेरे नाम के साथ एक पोर्नस्टर का नाम ट्रेंड करवाया, अब एक मनगढ़ंत और काल्पनिक ‘हॉस्टल कांड’ की अफ़वाह उड़ा रहे हैं.

लड़कियों के चरित्र पर सवाल उठाकर उनका मनोबल तोड़ने का ये तरीक़ा सदियों पुराना है.
पर मेरा मनोबल तोड़ना इनके वश की बात नहीं है. बाक़ी राष्ट्रीय महिला आयोग और स्मृति ईरानी जी के लिए कंगना रानौत देश की इकलौती बेटी हैं तो इनके मुँह में दही जमा हुआ है.

Neha Singh Rathore Hostel Kand क्या है?

Neha Singh Rathore Hostel Kand क्या है, जिसके लिए पत्रकार ट्विटर पर आपस में भीड़ गए

अब जब सभी को मेरे हॉस्टल कांड की भनक लग ही चुकी है तो आप भी इसे पूरा जान लीजिए.

दोस्तों, ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई घर से पूरी करने के बाद मैं अपने पोस्ट-ग्रेजुएशन के लिए हॉस्टल जाने ही वाली थी कि उसी दौरान तिवारी जी का “बबुनी के लागल बा शहर के हवा अउरी पढ़ावा” गाना मशहूर हो गया.

मेरी माताजी डर गयीं और पैसों की कमी का बहाना बनाकर मुझे हॉस्टल नहीं जाने दिया. ग़ुस्से में मैंने इस महिला-शिक्षा-विरोधी गीत के गायक के पोस्टर पर भरी-दोपहरी कालिख पोत दी.

अगले साल जब मैंने दोबारा हॉस्टल जाकर पोस्ट ग्रेजुएशन करने की बात कही तो माताजी ने कहा कि बचिया धीरज धरो, 15 लाख खाते में आने ही वाले हैं, जब आयेंगे तब चली जाना हॉस्टल.
पर रुपये नहीं आये.

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तब इस 15 लाख वाले झूठ के लिये ज़िम्मेदार दढ़ियल बाबा के पोस्टर को मैंने भरी दोपहरी चप्पलों से तब तक पीटा जब तक मेरी चप्पल टूट नहीं गई.

तीसरे साल जब मैंने आगे की पढ़ाई लिए भाई से जिद की तो उसने बताया कि वो फ़ौजी बनने जा रहा है. अब पोस्ट ग्रेजुएशन तो क्या पीएचडी भी करवा देगा. पर दोस्तों, वो फ़ौजी बनते-बनते अग्निवीर बन कर रह गया और उसने बताया कि उसकी नौकरी PHD से भी छोटी है.

ये सुनते ही मैं चप्पल उठाकर दीवार की ओर फिर से बढ़ ही रही थी कि तभी बाबूजी आ गये और बोले,
“धान रोप देले बानी बचिया…मोदीजी ने कहा है आमदनी दुगुनी होने ही वाली है, फिर चली जाना हॉस्टल!”

मैं फिर से रुक गई. पर गाइज़, उस साल धान की फसल साँड़ चर गये.

अंत में थक-हारकर मैंने अपने व्यापारी मामाजी से फ़ोन पर कहा कि वो मुझे आगे की पढ़ाई के लिए हॉस्टल भेज दें, पर उन्होंने रुआंसे होकर बताया कि दो गुजराती गुंडों ने उनको इलेक्टोरल बॉण्ड ख़रीदकर पार्टी फण्ड में जमा कराने को कहा है. वो मेरी मदद नहीं कर पायेंगे.

उस दिन मैंने गाँव की चट्टी पर चिल्ला-चिल्लाकर गाँव-जवार को इकट्ठा कर लिया और सबके साथ मिलकर नारा लगाया कि

-चौकीदार ही चोर है.

उसी दिन से ये घटना मेरे गाँव-जवार में नेहा हॉस्टल कांड के नाम से मशहूर हो गई.