कांग्रेस को कितना काला धन मिलाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कांग्रेस को कितना काला धन मिलाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कांग्रेस को कितना काला धन मिलाः मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को तेलंगाना के करीमनगर और वारंगल की चुनावी रैलियों में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, कांग्रेस के शहजादे पांच साल से अंबानी और अडानी के नाम की माला जपते थे। लेकिन जब से चुनाव घोषित हुआ है, उनकी अलोचना बंद कर दी है।

मोदी ने कहा, शहजादे बताएं कि इस चुनाव में अंबानी-अडानी से कितना माल उठाया है? काले धन के कितने बोरे आए हैं। क्या टेंपो भर-भर के नोट कांग्रेस के लिए पहुंचे हैं? क्या सौदा हुआ है कि आपने रातों-रात उनकी आलोचना बंद कर दी दाल में जरूर कुछ काला है। देश को इसका जवाब देना पड़ेगा।

फ्यूज उड़ गयाः कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर तंज कसते हुए मोदी कहा कि तीसरे चरण के चुनाव के बाद उनका तीसरा ‘फ्यूज’ उड़ गया है। चार चरण और शेष बचे हैं। जनता के आशीर्वाद से भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। मोदी ने वेमुलावाड़ा में श्री राजराजेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मित्रों पर ही हमला शुरू कर दियाः खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को दावा किया कि देश में तीन चरणों के चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुर्सी ‘डगमगा’ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने अपने ही ‘मित्रों’ पर हमला शुरू कर दिया है।

खड़गे ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘वक्त बदल रहा है। दोस्त दोस्त न रहा। तीन चरणों के चुनाव पूरे हो जाने के बाद प्रधानमंत्री अपने मित्रों पर ही हमलावर हो गए हैं। इससे पता चल रहा है कि मोदी की कुर्सी डगमगा रही है। यही परिणाम के वास्तविक रुझान हैं।’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, पराजय एक पूर्व निष्कर्ष है। प्रधानमंत्री अब अपनी छाया से भी घबरा गए हैं।’ रमेश ने उनकी परछाई के साथ मोदी की एक तस्वीर भी साझा की।

रमेश ने कहा, ‘जिस व्यक्ति ने अपनी पार्टी के लिए 8,200 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड एकत्र किए (यह घोटाला इतना व्यापक था कि उच्चतम न्यायालय ने भी इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया।) वह आज दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं।’

बीआरएस और कांग्रेस के लिए परिवार पहले

कांग्रेस और बीआरएस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि भाजपा ‘राष्ट्र प्रथम’ के सिद्धांत में यकीन करती है, जबकि कांग्रेस और बीआरएस के लिए परिवार प्रथम है। बीआरएस और कांग्रेस ने भ्रष्टाचार पर एक-दूसरे की खुलकर आलोचना की है, लेकिन दोनों ही दल भ्रष्टाचार की गोद में बैठे हुए हैं। दोनों ही पार्टियां तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। राज्य में उबल आर कर को लेकर दिल्ली तक खूब चर्चा हो रही है।