Chandigarh Eye Flu News : चंडीगढ़ में Eye Flu का कहर? अपनी आंखों का करें बचाव

Chandigarh Eye Flu News : चंडीगढ़ और मोहाली में बारिश और बाढ़ की वजह से के स्थिति बिगड़ी हुई थी । उसके बाद अब बारिश के मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है और इसकी वजह से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। बाढ़ और बारिश की वजह से इन दिनों आंखों की बीमारी तेजी से फैल रही है। गली-मोहल्ले से लेकर सड़कों बाज़ारो में आपको काला चश्मा लगाए लोग दिख जाएंगे।

Chandigarh Eye Flu News :
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चंडीगढ़( Chandigarh ) से मोहाली (Mohali) तक, इन दिनों शहर में लगभग हर जगह आई फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से, देश के हर राज्य में “कंजक्टिवाइटिस” (Conjunctivitis) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह लगातार बारिश और उमस वाले मौसम परिवर्तन हैं। लोगों को एक बार फिर आई फ्लू की भयानक लहर से डर लग गया है। The Chandigarh News की इस खास रिपोर्ट में हम आपको आई फ्लू क्या है, कैसे संक्रमित होता है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।

Chandigarh Eye Flu News चंडीगढ़ के लोगो को मानसून आने से चिलचिलाती गर्मी से राहत तो मिल गयी, लेकिन उसके बाद कई गंभीर बीमारियां होने का डर भी बढ़ गया है। चंडीगढ़ (Chandigarh) सहित कई शहरो में हर दिन आंखों की बीमारी की शिकायतें आ रही हैं। ऑय फ्लू के कारण जलन, दर्द और पानी आने की समस्या आ रही है

आई फ्लू क्या है?

आई फ्लू ( EYE FLU ) आंखों का संक्रमण है, जिससे आंखों में सूजन, दर्द और लालिमा होती है। फ्लू वायरस से संक्रमित होने से बीमारी फैलती है और आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। चंडीगढ़ के आंख अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ Dr. SUNANDAN SOOD ने बताया कि एडेनोवायरस संक्रमण आई फ्लू के अधिकांश मामले पैदा करता है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आने से भी हो सकती है। कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) और पिंक आई ( Pink Eye )भी आई फ्लू के नाम हैं।

आई फ्लू (Eye Flu) के लक्षण

आई फ्लू की समस्या में मरीजों की आंखों में दर्द, सूजन और लालिमा होती है। इससे आंखों से पानी बहता है। संक्रमण बढ़ने पर मरीज को देखने में मुश्किल हो सकता है। आई फ्लू के कुछ मुख्य लक्षण हैं:

  • आंखों में कीचड़ अधिक आना
  • सुबह उठने पर आंखों का चिपकना
  • आंखों में सूजन
  • आंखों में दर्द
  • आंखों में पानी आना और खुजली

आई फ्लू (Eye Flu) का इलाज

यदि आपको आई फ्लू के लक्षण दिखते हैं, तो आपको दवा की दुकान से लेके दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए। लक्षण दिखते ही चिकित्सक से संपर्क करें। डॉक्टर मरीज की स्थिति और लक्षणों के अनुसार दवा देते हैं। गंभीरता से संक्रमित व्यक्तियों को कुछ उच्च डोज वाली दवाओं का उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है। डॉक्टर आमतौर पर संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं और ड्रॉप्स की सलाह देते हैं। शीतल और गर्म कंप्रेस भी इस समस्या को हल कर सकते हैं।

बाहर निकलते समय काला चश्मा भी पहनने की सलाह दी जातीयदि आपको आई फ्लू के लक्षण दिखते हैं, तो आपको दवा की दुकान से लेके दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए। लक्षण दिखते ही चिकित्सक से संपर्क करें। डॉक्टर मरीज की स्थिति और लक्षणों के अनुसार दवा देते हैं। गंभीरता से संक्रमित व्यक्तियों को कुछ उच्च डोज वाली दवाओं का उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है। डॉक्टर आमतौर पर संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं और ड्रॉप्स की सलाह देते हैं। शीतल और गर्म कंप्रेस भी इस समस्या को हल कर सकते हैं। बाहर निकलते समय काला चश्मा भी पहनने की सलाह दी जाती हैं।

आई फ्लू (Conjunctivitis) से कैसे बचें?

बारिश के मौसम में आई फ्लू का खतरा अधिक होता है। यही कारण है कि बारिश के दौरान लोगों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नियमित रूप से साबुन से हाथ धोने से संक्रमण से बच सकते हैं। यह संक्रमण ज्यादातर हाथों से फैलता है। आंखों को गंदे हाथ से छूने से बचना चाहिए।

इसके अलावा, दूसरों के साथ अपने कपड़े, तौलिया, टूथब्रश और मेकअप की सामग्री न बाँटें। जब आप सार्वजनिक स्थानों पर जाते हैं, तो दरवाजे या किसी भी सतह को छूने से बचें, ताकि संक्रमण फैलने से बचें। यदि आप इन चीजों को छूते हैं, तो साबुन से हाथों को धो लें। इसके अतिरिक्त, आई फ्लू से बचने के लिए आंखों पर काला चश्मा पहन कर बहार निकले ।

आई फ्लू( Eye Flu ) को ठीक होने में कितना समय लगता है?

आई फ्लू मरीजों को आंखों में दर्द, सूजन, पानी बहने और लालपन की समस्या होती है। बच्चों में मानसून सीजन में आई फ्लू का खतरा सबसे अधिक होता है। चंडीगढ़ के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ Dr. SUNANDAN SOOD बताते हैं कि बरसात में हवा में प्रदूषण, नमी और फंगल इन्फेक्शन बढ़ जाते हैं। इससे मरीजों को आंखों से संबंधित समस्याएं होती हैं। 3 से 4 दिनों में आई फ्लू या पिंक आई की समस्या आम तौर पर ठीक हो जाती है। लेकिन सही समय पर इलाज न मिलने से यह समस्या लंबे समय तक रह सकती है।

बच्चों को इससे बचाने के लिए इन तरीकों को अपनाएं

बच्चों को बताये कि आई फ्लू आजकल बहुत फैल रहा है। ऐसे में अक्सर अपनी आंखों को छूना हानिकारक हो सकता है। बच्चों को बताये कि हाथों में बैक्टीरिया और जर्म्स आसानी से फैलते हैं। आंखों को गंदे हाथों से छूने से इंफेक्शन या इरीटेशन का खतरा बढ़ सकता है।

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इन दिनों, बच्चों को अपने हाथों को हमेशा साफ रखने की सलाह दें। अगर आप कुछ गंदा छुआ है, बाहर खेलकर घर आए हैं या स्कूल से घर लौटे हैं। उन्हें हर बार बताओ कि साबुन से अच्छी तरह रगड़कर धो लें। आप उन्हें हाथों को साफ करने की भी सलाह दे सकते हैं।

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संक्रमित लक्षण वाले व्यक्ति से दूर रहे

आप अपने बच्चों को आई फ्लू से संक्रमित किसी से दूर रहने की सलाह दें। जैसा कि आप जानते हैं, आई फ्लू आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे को फैलता है। यही कारण है कि संक्रमित व्यक्ति को न छुए और न ही उसके आसपास जाएँ।

अपनी चीजों का प्रयोग करे

मानसून के दिनों में आई फ्लू का प्रसार अधिक होता है। यही कारण है कि बच्चों को बताये कि वे दूसरों की चीजों का प्रयोग नहीं करें। जहां भी जाए, अपने खुद का सामान ही उपयोग करें। यही कारण है कि बच्चों को सार्वजनिक स्विमिंग पूल में नहीं भेजना चाहिए। ऐसी जगहों पर बहुत से लोग आते हैं। इसलिए संक्रमण फैलने का खतरा बहुत अधिक होता है। यही नहीं, स्विमिंग पूल के पानी में एक विशेष प्रकार का केमिकल होता है, जो बच्चे को जलन और इचिंग जैसी समस्याओं को भी पैदा कर सकता है।

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