
Luv-Kush Yatra: आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले बिहार भाजपा ने अयोध्या के लिए 20 दिन की ‘लव-कुश यात्रा‘ का प्लान बनाया है। राजनीतिक विशेषज्ञ इस कार्यक्रम को लोकसभा चुनावों से जोड़ कर भी देख रहे हैं।उनका मानना है कि यह यात्रा मजबूत जातिगत समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। Luv-Kush Yatra 2 जनवरी को पटना से शुरू होकर राज्य के कई हिस्सों से गुजरेगी और इस दौरान हवन और दूसरे धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा।
Luv-Kush Yatra में लव-कुश शब्द जातिगत जुड़ाव
जानकारों का कहना है कि बिहार के लिए इसका राजनीतिक अर्थ भी है। जहां लव-कुश शब्द कोइरी (कुशवाहा) और कुर्मी जातियों के बीच गठबंधन के लिए इस्तेमाल होता रहा है। इसके अलावा, भाजपा ने देश के अलग- अलग हिस्सों में बुकलेट बंटवाने का भी प्लान बनाया है जिसके जरिए यह बताया जाएगा कि राम मंदिर निर्माण के लिए भगवा दल की ओर से क्या- क्या कदम उठाए गए हैं।इसे लेकर बूथ लैवल पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 22 जनवरी को राम मंदिर के अभिषेक समारोह के दिन हर बूथ पर पार्टी कार्यकर्त्ता दीया- प्रज्ज्वलन कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
आर.एस.एस. और वी.एच.पी. की भूमिका
समारोहों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) और विश्व हिंदू परिषद ( वी.एच.पी.) की भूमिका भी अहम रहने वाली है। भाजपा पहले ही राम मंदिर से संबंधित आयोजित सभी कार्यक्रमों को समर्थन देने का वादा कर चुकी है। आर.एस.एस. और वी.एच.पी. की ओर से 22 जनवरी के कार्यक्रम के निमंत्रण को लेकर कलश यात्राएं निकाली जा रही हैं।
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