पांच साल पहले इंडस्ट्रीयल एरिया थाना पुलिस ने दर्ज किया था केस

हरियाणा स्टाफ सिलैक्शन कमीशन की ओर से आयोजित कराए जा रहे एग्जाम के दौरान किसी ओर के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में पकड़े आरोपियों को अदालत के सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
बरी होने वाले युवकों की पहचान हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले अंकित और परमजीत के तौर पर हुई है। पांच साल पहले दिसंबर, 2019 में इंडस्ट्रीयल एरिया थाना पुलिस बरी हुए दोनों युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया था, लेकिन मामले को लेकर अदालत में चली सुनवाई के दौरान पुलिस पुलिस युवकों पर लगाए गए आरोपो को साबित नहीं कर पाई।
अंकित के वकील दीक्षित अरोड़ा ने बताया कि मामले में न तो पर्याप्त सबूत कोर्ट में पेश कर सकी और न ही कोई अहम गवाह। यहां तक पुलिस ने जिस शिकायतकर्ता के बयानों पर केस दर्ज किया था, वह अदालत में बयान दिया कि उसके सामने ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था और न ही उसने पुलिस को कोई शिकायत दी। पुलिस ने मामले में दोनों युवकों फंसाने के लिए एक झूठी कहानी तैयार की।
लापरवाही भी आई सामने
पुलिस के पास मौके की सी.सी.टी.वी. फुटेज भी थी, जिसे एक सीडी के रूप में कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन पुलिसकर्मियों और इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर तक को यह पता नहीं था कि इस सीडी में कौन सी फुटेज है। लिहाजा, ये सीडी कोर्ट में चलाई ही नहीं गई। ऐसे में पुलिस कोई सबूत पेश नहीं कर सकी।
शिकायतकर्ता से लेकर सेंटर सुपरवाइजर बयानों से मुकरे
मामले में पुलिस ने वैशाली कंबोज की शिकायत पर केस दर्ज किया था, लेकिन उसने अदालत में पुलिस को किसी भी प्रकार की शिकायत देने की बात से इंकार कर दिया। वैशाली हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की डेटा एंट्री ऑपरेटर थी। वहीं, एग्जामिनेशन सेंटर का सुपरवाइजर निर्मल सिंह भी अपने बयानों से मुकर गया। उसने भी कहा कि उसे इस बारे में पता नहीं था।
More Stories
India Appears Grander from Space, Says Astronaut Shubhanshu Shukla in Video Call with PM Modi
Calcutta Law College Gang Rape Case: Police Arrest Security Guard, Fourth Accused in Shocking Campus Crime
Hyderabad Couple Arrested for Live Streaming Sexual Acts on Mobile App to Earn Easy Money