India-China agree on patrolling : चीन से सीमा विवाद सुलझाने में भारत को बड़ी सफलता, AC पर बढ़ाई जाएगी गश्त - The Chandigarh News
India-China agree on patrolling : चीन से सीमा विवाद सुलझाने में भारत को बड़ी सफलता, AC पर बढ़ाई जाएगी गश्त

India-China agree on patrolling : चीन से सीमा विवाद सुलझाने में भारत को बड़ी सफलता, AC पर बढ़ाई जाएगी गश्त

India-China agree on patrolling : विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया है कि दोनों देश LAC से सेना हटाने पर सहमत हो गए हैं.

India-China agree on patrolling : चीन से सीमा विवाद सुलझाने में भारत को बड़ी सफलता, AC पर बढ़ाई जाएगी गश्त

India-China agree on patrolling : भारत और चीन के बीच चल रहा सीमा विवाद अब सुलझता हुआ नजर आ रहा है। 21 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के बीच सीमा से सेना हटाने पर सहमति बन गई है और सैन्य वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा,

पिछले कई हफ्तों से भारतीय और चीनी राजनयिक और सैन्य अधिकारी विभिन्न मंचों पर बातचीत कर रहे थे। इन चर्चाओं का परिणाम सकारात्मक रहा है। भारत-चीन सीमा क्षेत्र में LAC पर गश्त को लेकर एक समझौता हुआ है, जिससे सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में कदम उठाया गया है। यानी अतिरिक्त सेना की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो रही है और आखिरकार 2020 में उत्पन्न हुए सीमा विवाद का समाधान निकल रहा है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा समझौता डेपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त से संबंधित है। इससे पहले, दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के छह में से चार विवादित स्थानों से पीछे हट चुकी थीं, जिनमें गलवान घाटी भी शामिल है, जहां जून 2020 में हिंसक झड़प हुई थी। मई 2020 से ही भारत और चीन की सेनाओं के बीच यह गतिरोध बना हुआ है।

पिछले महीने, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ सीमा पर लगभग 75 प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो चुका है, जिसमें सेनाओं की वापसी भी शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में हुई ब्रिक्स बैठक के दौरान, NSA अजीत डोभाल की चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात हुई थी। इसके बाद सरकार ने कहा कि दोनों देश सीमा पर डिसइंगेजमेंट सुनिश्चित करने के लिए “दोगुने” प्रयास करने पर सहमत हुए हैं।

15 जून, 2020 को गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच एक हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में किसी तरह की गोलीबारी तो नहीं हुई, लेकिन दोनों देशों के सैनिकों के बीच तीव्र हाथापाई और संघर्ष हुआ। इस घटना में भारत के एक कर्नल समेत 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए। चीन ने आधिकारिक रूप से केवल अपने चार सैनिकों की मौत की पुष्टि की है, हालांकि माना जाता है कि चीन को भी इस संघर्ष में भारी नुकसान उठाना पड़ा। यह टकराव 1962 के युद्ध के बाद सबसे घातक साबित हुआ और इसके बाद से ही भारत-चीन संबंध एक अत्यधिक तनावपूर्ण स्थिति में आ गए।