बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को क्यों हटाया ? यह ऐसा सवाल है जो सियासी गलियारे में खासतौर पर बसपा काडर के लिए हैरानी का सबब बना हुआ है। राजनीति के जानकार इसे मायावती की सधी हुई सियासी चाल तो करार दे ही रहे हैं, उनका मानना है कि आकाश का बढ़ता कंद, परिवारवाद के आरोप और विपक्ष या यूं कहें भाजपा पर ज्यादा हमलावर होना ही उन पर कार्रवाई का असली सबब बना।
मायावती ने आकाश पर कार्रवाई कर अपने काडर को नया संदेश दिया है। दरअसल, मायावती हमेशा कहती रहीं हैं कि बसपा काडर आधारित पार्टी है और बहुजन हित उनका सर्वोपरि मिशन है। साथ ही वह विपक्षी दलों पर परिवारवाद को लेकर भी हमलावर रही हैं। पार्टी के पुराने निष्ठावान इसे मायावती का बसपा में परिवारवाद न पनपने देने और विरोधी दलों के आरोपों से बचने की कवायद मान रहे हैं। परिवार को बढ़ाने की मंशा पर।
आकाश आनंद पर कार्रवाई कर हटाने के प्रमुख कारण
■ परिवारवाद के आरोपों को मायावती कर सकेंगी खारिज
■ आकाश का बढ़ता ग्राफ बन सकता था काडर के लिए समस्या
■ भाजपा पर ज्यादा हमलावर होना भी बना सबब
आकाश का बढ़ता कद माया की छवि पर आंच
मायावती अक्सर सत्ता की चाभी अपने हाथ में रखने की बात करती रही हैं। साथ ही मीडिया के सामने यह अपनी शर्तों पर बोलती हैं। आकाश लगातार राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर टीवी चैनलों को इंटरव्यू दे रहे थे। इससे उनकी छवि निखर रही थी। इसे लेकर भी बसपा नेतृत्व नाराज था। पूर्व आईजी
अरुण कुमार गुप्ता कहते हैंः ‘आकाश के चलते काडर सक्रिय हो रहा था। उनके सुशिक्षित होने का भी बहुजन समाज के युवाओं पर असर पड़ना लाजिमी था। ऐसे में बसपा नेतृत्व को यह भय सताना लाजिमी है कि क्या आकाश का बढ़ता कद मायावती की छवि पर छाया डाल सकता है?
इसमें कोई संदेह नहीं कि मायावती आकाश आनंद को फिर उत्ताधिकारी बना दें लेकिन फिलवक्त बहुजन समाज में यह सवाल तो उठ ही रहा था कि आकाश ही पार्टी के सर्वेसर्वा हो गए हैं? इस आशंका पर पूर्ण विराम लगे इसीलिए बसपा को यह फैसला करना पड़ा। 2022 में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को लेकर भी टीएमसी नेताओं में ऐसी ही आशंकाओं ने जन्म लिया था।
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