UP By Election: योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत की मथुरा में हुई मुलाकात ने उपचुनावों

UP By Election: यूपी उपचुनाव के दौरान यह जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोहन भागवत को महाकुंभ में शामिल होने का न्योता दिया।

UP By Election: योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत की मथुरा में हुई मुलाकात ने उपचुनावों

UP By Election: उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नामांकन जारी हैं, और इसी दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की मथुरा में मुलाकात हुई। यह बैठक लगभग 45 मिनट तक चली। आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी ने संघ प्रमुख को महाकुंभ में शामिल होने का न्योता दिया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इस मुलाकात में प्रदेश की राजनीति पर भी चर्चा हुई।

सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत के बीच उपचुनाव में संघ से जुड़े स्वयंसेवकों की भूमिका को लेकर बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने संघ से मिले फीडबैक पर भी चर्चा की। आजतक के कुमार अभिषेक ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया कि मोहन भागवत ने योगी को भरोसा दिलाया है कि संघ के कार्यकर्ता यूपी उपचुनाव में भी बीजेपी के साथ पूरी मजबूती से खड़े रहेंगे, जैसा कि हरियाणा में हुआ था।

मोहन भागवत RSS की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के लिए 10 दिन के मथुरा प्रवास पर हैं, जिसमें देशभर से स्वयंसेवक हिस्सा ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि उपचुनाव को मुख्यमंत्री योगी ने अपनी प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है। यह चुनाव पूरी तरह से सीएम योगी का चुनाव माना जा रहा है, इसलिए बीजेपी और संघ के बीच बेहतर समन्वय के लिए योगी खुद सक्रिय हो गए हैं।

लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और आरएसएस के रिश्तों में खटास की खबरें सामने आई थीं। यह खटास इतनी बढ़ गई थी कि आरएसएस ने अपने मुखपत्र ‘ऑर्गनाइज़र’ में बीजेपी पर तीखी टिप्पणी की थी। इसमें संघ ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की संभावित असफलताओं के कारण बताए थे और ‘400 पार’ के नारे पर भी व्यंग्य किया था।

आरएसएस के सदस्य रतन शारदा ने एक लेख में लिखा, “कोई भी लक्ष्य कड़ी मेहनत से हासिल होता है, न कि सोशल मीडिया पर पोस्टर और सेल्फी शेयर करने से। बीजेपी नेता अपनी दुनिया में मग्न थे और नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का आनंद ले रहे थे, इसलिए वे जनता की आवाज़ को सुनने में असफल रहे।”

हालांकि, हरियाणा चुनाव में दोनों के रिश्तों में सुधार देखा गया। हार की आशंकाओं के बावजूद बीजेपी ने चुनाव जीत लिया, जिसमें संघ की सक्रिय भूमिका को भी श्रेय दिया गया। अब बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों में भी आरएसएस का समर्थन चाहता है।

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