
श्रावस्ती पर सबसे बड़ा सवाल उठा कि हर तरीक़े से सशक्त साकेत जी ने श्रावस्ती सीट क्यों चुनी,बताया गया कि साकेत जी के नाना जी अर्थात नृपेंद्र जी के ससुर जी बहराइच से किसी जमाने में सांसद रहे,उस जमाने के अब उस क्षेत्र में बरगद,पीपल ही बचे हैं,साकेत जी चाहते तो अपने पिता जी के सिस्टम से देवरिया से टिकट लेकर संसद पहुँच जाते,ख़ैर.. श्रावस्ती सीट पर हार का सबसे बड़ा कारण जो निकल कर आया वह स्वयं साकेत जी ही हैं,
साकेत जी बहुत पढ़े लिखे हैं,अधिकारी बैंकर रहें हैं,टोटल इंगलिश व्यक्तित्व के स्वामी हैं,श्रावस्ती जैसे इलाक़े में जहां हिन्दी गद्य भी ढंग से नहीं पहुँच पाया है,वहाँ आंग्ल वाचक प्रत्याशी ने स्वयं के साथ भाजपा को भी हराया,कार्यकर्ताओं को प्रचार हेतु गाड़ी तक नहीं मिली,ज़रूरी तेल पानी हेतु खर्च भी नहीं मिला,बहुत हल्ला हुआ तो कुछ गाड़ियाँ पहुँचीं,चर्चा है कि नेताओं के सुझावों पर साकेत जी कह देते थे हमारा चुनाव PMO लड़ रहा है,
PMO का नाम सुनकर बड़े बड़े थर्रा जाते हैं,नेता कार्यकर्ता की क्या हैसियत,साकेत जी कार्यकर्ताओं को इंगलिश में डाँट भी देते थे,अपने कुछ रणनीतिकारों से वह वार्ता आंग्लीय वार्ता कर रणनीति बनाते थे,कार्यकर्ता इन सब क्रियाकलापों से खिन्न हुआ,और जातीय समीकरण ने श्रावस्ती की लुटिया डुबो दी..
भाजपा श्रावस्ती में कुछ ही लोग धनपशु हैं कोई बालू वाला है ,कोई थाना पुलिस करता है,कोई लकड़ी का कारोबारी है,बाक़ी कार्यकर्ताओं के लिए सात साल में भाईसाहब लोगों की मीठी गोली के अलावा कोई मोटिवेशन नहीं है.. कार्यकर्ताओं के पास प्रदेश भर में कोई मोटिवेशन नहीं था,अधिकारियों के मनमाने रवैये ने भाजपा के कार्यकर्ताओं को तोड़ कर रख दिया है.. जो पदाधिकारी हैं उन्हें कार्यकर्ताओं की चिंता नहीं जर्मन हैंगर की चिंता थी !!
More Stories
Tragedy in Delhi: 4 Dead, 18 Rescued as Building Collapses in Mustafabad During Early Morning Hours
Murshidabad Violence: Governor Bose Defies Mamata’s Plea, Visits Ground Zero to “See Realities for Himself”
India Hits Back at Pakistan Army Chief Asim Munir Over Kashmir ‘Jugular Vein’ Comment