Volodymyr Zelensky Times of India interview: ज़ेलेंस्की ने हाल ही में रूस में हुए BRICS शिखर सम्मेलन की भी आलोचना की, इसे विफल करार देते हुए सऊदी अरब और ब्राजील समेत कई देशों के नेताओं की अनुपस्थिति का ज़िक्र किया।

Volodymyr Zelensky Times of India interview: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले ढाई साल से युद्ध जारी है, और कई देश इस युद्ध को समाप्त करने और बातचीत की ओर लौटने की अपील कर चुके हैं। अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इस संघर्ष में भारत के रुख पर कड़ा बयान दिया है। ज़ेलेंस्की ने कहा है कि भारत को अपना स्पष्ट स्टैंड तय करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी यूक्रेन युद्ध को रुकवाने में मदद कर सकते हैं। ज़ेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय आया है जब पीएम मोदी हाल ही में BRICS समिट में हिस्सा लेकर रूस से लौटे हैं।
BRICS Summit: वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने कहा,
“मोदी वास्तव में एक बड़े देश के प्रधानमंत्री हैं, जो आबादी, अर्थव्यवस्था और प्रभाव के लिहाज से महत्वपूर्ण है, और ऐसा देश केवल यह नहीं कह सकता कि ‘हम युद्ध का अंत चाहते हैं’।”
यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत की संभावनाओं में पीएम मोदी की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर ज़ेलेंस्की ने कहा,
“निस्संदेह ये बातचीत भारत में हो सकती है, और प्रधानमंत्री मोदी वास्तव में ऐसा कर सकते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि हमें इसके लिए खुद को तैयार करने की ज़रूरत है। हमें इसे अपने तरीके से करना चाहिए, क्योंकि युद्ध हमारे क्षेत्र में हो रहा है। हमारे पास शांति शिखर सम्मेलन के रूप में एक मंच है।”
असल में, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से भारत के प्रति यूक्रेन की प्रतिक्रिया में कई बार बदलाव देखे गए हैं। पीएम मोदी ने इस साल रूस और यूक्रेन दोनों देशों का दौरा किया था। इस दौरान ज़ेलेंस्की ने भारत और प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए थे, लेकिन साथ ही उनकी सराहना भी की थी।
ज़ेलेंस्की ने इंटरव्यू में कहा,
“आप निष्पक्ष नहीं रह सकते। इसका मतलब है कि आप रूस के साथ हैं, क्योंकि हमले करने वाले और पीड़ित को एक नजरिए से नहीं देखा जा सकता है। मुझे लगता है कि यह रूस का अप्रत्यक्ष समर्थन है।”
BRICS की आलोचना
ज़ेलेंस्की ने रूस में हाल ही में हुए BRICS शिखर सम्मेलन की भी आलोचना की, इसे विफल बताते हुए सऊदी अरब और ब्राजील समेत कई देशों के नेताओं की अनुपस्थिति का हवाला दिया। उन्होंने कहा,
“पुतिन दुनिया को तथाकथित वेस्ट-प्लस और ब्रिक्स-प्लस में बांटने की कोशिश कर रहे हैं। यहां तक कि ब्राजील और चीन के शांति प्रस्ताव भी उन्हें स्वीकार्य नहीं थे। यह चीन और ब्राजील के लिए एक तमाचा था।”
BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने फिर से बातचीत की थी। चर्चा के दौरान मोदी ने कहा था कि शांति के लिए जो भी भूमिका होगी, भारत उसे निभाने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने कहा,
“रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के दौरान हम लगातार संपर्क में रहे हैं। हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। हम शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। आने वाले समय में भी भारत हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।”
बता दें, इसी साल अगस्त में पीएम नरेंद्र मोदी यूक्रेन की यात्रा पर गए थे। उस दौरान पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर कई विशेषज्ञों ने भी सवाल उठाए थे।
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