
UP Digital Media Policy: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को लाखो रुपए प्रदान करेगी। सरकार ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए अलग-अलग श्रेणियां बनाई हैं। X, यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम के इंफ्लुएंसर्स को उनके फॉलोअर्स की संख्या के आधार पर हर महीने धनराशि प्रदान की जाएगी।
UP Digital Media Policy: लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अब इसके असर दिखने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन इस बार कमजोर रहा, जिसमें पार्टी को 29 सीटों का नुकसान हुआ। हार का एक प्रमुख कारण सोशल मीडिया पर विपक्ष का प्रभावी होना माना जा रहा है। इसके मद्देनज़र, यूपी की योगी सरकार ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
UP Digital Media Policy: योगी कैबिनेट ने डिजिटल मीडिया पॉलिसी को मंज़ूरी दी

सरकार के कार्यों के प्रचार-प्रसार को प्रभावी बनाने के लिए एक नई सोशल मीडिया पॉलिसी तैयार की गई है, जिसके तहत सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को हर महीने 8 हजार से 2 लाख रुपये तक मिल सकते हैं।
यूपी कैबिनेट ने आज सोशल मीडिया पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। हालांकि, कैबिनेट बैठक के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस में इसका जिक्र नहीं हुआ, लेकिन सरकार ने इसे पास कर दिया है। इस पॉलिसी के तहत, X, यूट्यूब, फेसबुक, और इंस्टाग्राम के इंफ्लुएंसर्स को उनके फॉलोअर्स की संख्या के आधार पर हर महीने आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए शर्त यह है कि उन्हें यूपी सरकार का प्रचार-प्रसार करना होगा और सूचना विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यदि कभी सरकार को लगे कि उनके द्वारा साझा किया गया कंटेंट अभद्र, अश्लील या राष्ट्र विरोधी है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
सरकार ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए अलग-अलग श्रेणियां बनाई हैं। X, फेसबुक, और इंस्टाग्राम के इंफ्लुएंसर्स के लिए एक जैसी चार श्रेणियां बनाई गई हैं, जिनके अनुसार उन्हें हर महीने 5, 4, 3 और 2 लाख रुपये मिलेंगे। वहीं, यूट्यूब इंफ्लुएंसर्स के लिए चार अलग श्रेणियां बनाई गई हैं, जिनके तहत उन्हें हर महीने 8, 7, 6, और 4 लाख रुपये दिए जाने की योजना है। इससे पहले, राजस्थान में भी ऐसी पॉलिसी लाई गई थी जब अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे, हालांकि अब वहां सरकार बदल चुकी है और बीजेपी के भजनलाल मुख्यमंत्री हैं।
चुनाव के बाद सोशल मीडिया पर फोकस बढ़ा
लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद बीजेपी सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर सतर्क हो गई है। चुनाव के बाद हुई बैठकों में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर सक्रिय रहने के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहने के लिए कहा गया है। पार्टी हाईकमान ने निर्देश दिया है कि नेता सोशल मीडिया पर सरकार की योजनाओं का जोर-शोर से प्रचार-प्रसार करें।
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