Saurabh Chandrakar arrest: महादेव ऐप के सौरभ चंद्राकर कौन हैं, जिन्हें अब दुबई से भारत लाया जाएगा?

Saurabh Chandrakar arrest: सौरभ चंद्राकर पर महादेव बेटिंग ऐप के माध्यम से 6 हजार करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी का आरोप है। इंटरपोल (अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन) द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के बाद हाल ही में चंद्राकर को गिरफ्तार किया गया है।

Saurabh Chandrakar arrest: महादेव ऐप के सौरभ चंद्राकर कौन हैं, जिन्हें अब दुबई से भारत लाया जाएगा?

Saurabh Chandrakar arrest: महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप से जुड़े घोटाले के ‘मास्टरमाइंड’ सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उसे जल्द ही भारत लाया जा सकता है। इंटरपोल (अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन) द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के बाद चंद्राकर की हाल ही में गिरफ्तारी हुई थी। यह वारंट प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध पर जारी किया गया था। सौरभ चंद्राकर और महादेव ऐप के दूसरे प्रमोटर रवि उप्पल के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में ‘रेड नोटिस’ जारी होने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था। तब से दोनों ‘हाउस अरेस्ट’ में थे। इंटरपोल रेड नोटिस किसी अपराधी को ढूंढने, उसे गिरफ्तार करने और अपने देश वापस लाने के लिए जारी किया जाता है।

सौरभ चंद्राकर पर महादेव बेटिंग ऐप के जरिए 6 हजार करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी का आरोप है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि चंद्राकर के प्रत्यर्पण के लिए ED जरूरी दस्तावेज दुबई भेजने की प्रक्रिया में लगी है, जिसके बाद वहां की अदालत से संपर्क किया जाएगा। दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि अब तक उन्हें यूएई के अधिकारियों से कोई जानकारी नहीं मिली है।

ED के वकील सौरभ कुमार पांडेय ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चंद्राकर को भारत लाने की प्रक्रिया 4 सितंबर को शुरू हुई थी, जब रायपुर की एक विशेष अदालत ने उसके और रवि उप्पल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। उन्होंने बताया कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए अदालत से आवश्यक दस्तावेज लिए जाएंगे।

Saurabh Chandrakar arrest: कौन हैं सौरभ चंद्राकर?

सौरभ चंद्राकर, छत्तीसगढ़ के भिलाई में लगभग 10 साल पहले एक जूस की दुकान चलाते थे। उसी इलाके में रवि उप्पल नामक व्यक्ति की टायर की दुकान भी थी। दोनों दोस्त थे और छत्तीसगढ़ के ही रहने वाले थे। दोनों को ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत लग गई थी। शुरू में छोटे-मोटे सट्टे में कुछ फायदा हुआ, लेकिन फिर नुकसान होने लगा। सौरभ ने 15 लाख रुपये गंवाए, जबकि रवि ने लगभग 10 लाख रुपये खो दिए। यह 2018 की बात है।

जब सट्टेबाजों के लोग उन्हें परेशान करने लगे, तो सौरभ और रवि ने देश छोड़कर भागने का फैसला किया और 2019 में दुबई चले गए। वहां उन्हें जीविका कमाने में मुश्किलें आ रही थीं। फिर उनकी मुलाकात एक पाकिस्तानी व्यक्ति और दुबई के एक शेख से हुई। उन्होंने ऑनलाइन सट्टेबाजी का प्लान पेश किया।

साल 2020 में, सौरभ और रवि ने यूरोप के कुछ कोडर्स से संपर्क करके ‘महादेव बुक’ नामक एक ऐप और वेबसाइट बनाई, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के लोगों को सट्टेबाजी की ओर आकर्षित करना था। इस ऐप में क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन, फुटबॉल जैसे खेलों और पोकर, तीन पत्ती, ड्रैगन टाइगर जैसे ताश के खेलों पर सट्टा लगाया जाता था। इतना ही नहीं, इस ऐप ने भारत में होने वाले चुनावों पर भी सट्टा लगवाया। धीरे-धीरे इस ऐप का कारोबार बढ़ता गया और कई लोग ठगी का शिकार बनते चले गए, उसी तरह जैसे सौरभ और रवि खुद ठगे गए थे। शुरू में थोड़ा मुनाफा होता था, लेकिन जब मोटी रकम लगाई जाती, तो नुकसान होना तय हो जाता।

ED ने अपने आरोप-पत्र में कहा है कि सौरभ चंद्राकर ने फरवरी 2023 में UAE के रास अल खैमाह में शादी की थी, जिसमें करीब 200 करोड़ रुपये नकद खर्च किए गए। एजेंसी ने आरोप लगाया कि चंद्राकर के रिश्तेदारों को भारत से UAE लाने के लिए निजी जेट किराए पर लिए गए थे, और शादी में परफॉर्म करने के लिए कई हस्तियों पर भारी धनराशि खर्च की गई।

जांच के दौरान, ED ने रणबीर कपूर, श्रद्धा कपूर, हुमा कुरेशी, कपिल शर्मा, बोमन ईरानी और हिना खान समेत कई बॉलीवुड सितारों को समन भेजा था। एजेंसी को संदेह है कि इन सभी ने चंद्राकर और रवि उप्पल के कार्यक्रमों में शामिल होने या परफॉर्म करने के लिए भारी रकम ली है।

ED के आरोप क्या हैं?

पिछले साल अक्टूबर में, ED ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में विशेष मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) अदालत में सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था। दोनों पर महादेव सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन करने का आरोप है।

ED ने यह भी दावा किया है कि इस जांच से छत्तीसगढ़ के बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता उजागर हुई है। अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दो आरोप-पत्र दाखिल किए गए हैं।

नवंबर 2023 में ED ने दावा किया था कि फोरेंसिक विश्लेषण और एक आरोपी की गवाही से पता चला है कि इस ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये दिए थे। हालांकि, यह केवल आरोप हैं और जांच अभी जारी है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top