Chandigarh: रयान इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 49 के छात्रों को दिखाया गया फिल्म सैम बहादुर

Chandigarh: रयान इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 49 के टीचरों ने सभी बच्चों को भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की लाइफ पे बनी फिल्म सैम बहादुर दिखाने मोहाली के बेस्टटेक मॉल ले गए थे।

Chandigarh: रयान इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 49 के छात्रों को दिखाया गया फिल्म सैम बहादुर

मेघना गुलजार के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘सैम बहादुर’ भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की लाइफ और 1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध में उनके योगदान को दिखाती है. सैम मानेकशॉ ने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी.

रयान इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 49 के छात्रों को कैसी लगी सैम बहादुर

फिल्म सैम मानेकशॉ के पैदा होने से लेकर 1971 की जंग तक की कहानी दिखाती है. कैसे उनका नाम सायरस से सैम पड़ा. विभाजन के दौरान वो क्या कर रहे थे. कश्मीर को इंडिया का हिस्सा बनाने में उन्होंने क्या भूमिका निभाई थी. एंटी-नेशनल कहकर उन पर इंक्वायरी क्यों बिठाई गई. 1962 में उनके सैंडविच की ब्रेड के बीच की स्टफिंग कम क्यों होती जा रही थी.

कैसे वो आदमी पॉलिटिक्स और आर्मी को कोसों दूर रखता था. अपने फौजियों के सम्मान के लिए नेता तक को झाड़ सकता था. क्या हुआ जब उन्होंने कहा कि अगर मैं पाकिस्तानी आर्मी का जनरल होता, तो 1971 की जंग पाकिस्तान जीतता. फिल्म उनके लड़कपन से लेकर भारत के पहले फील्ड मार्शल बनने तक का सफर तय करती है. बच्चो को सैम मानेकशॉ की कहानी पसंद आई।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top