Ratan Tata Passed Away: भारत के महारत्न- रतन टाटा नहीं रहे

#RatanTata #रतन_टाटा #EndOfAnEra #RatanTataPassedAway

Ratan Tata Passed Away: भारत के महारत्न- रतन टाटा नहीं रहे।

Ratan Tata Passed Away: देश के सम्मानित उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है। टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की है। रतन टाटा 86 वर्ष के थे। 9 अक्टूबर की देर रात, मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली।

Ratan Tata Passed Away: भारत के महारत्न- रतन टाटा नहीं रहे

टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान जारी करते हुए कहा:

“हम गहरे भाव से रतन नवल टाटा को अलविदा कह रहे हैं। वह वास्तव में एक असाधारण नेता थे। उनका अतुलनीय योगदान न केवल टाटा समूह को, बल्कि देश की बुनियादी संरचना को भी आकार देने में महत्वपूर्ण रहा है। टाटा समूह के लिए, वह सिर्फ एक चेयरपर्सन नहीं थे, बल्कि मेरे लिए वह एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे।”

चंद्रशेखरन ने आगे कहा:

“पूरे टाटा परिवार की ओर से, मैं उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी, और हम उन सिद्धांतों को बनाए रखने का प्रयास करेंगे जिनका उन्होंने पूरे जोश के साथ समर्थन किया।”

Ratan Tata Passed Away: रतन टाटा के निधन की खबर आते ही हर ओर से प्रतिक्रियाएं आने लगीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें याद करते हुए X पर लिखा:

“श्री रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर थे। उनका व्यक्तित्व अद्वितीय और उनकी आत्मा दयावान थी। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित व्यापार घरानों में से एक को स्थायी नेतृत्व प्रदान किया। उनका योगदान केवल बोर्डरूम तक सीमित नहीं था, बल्कि उनके दयालु स्वभाव, नम्रता और समाज को बेहतर बनाने के प्रति उनकी मजबूत प्रतिबद्धता के कारण उन्हें अपार स्नेह मिला।”

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी रतन टाटा को याद करते हुए X पर लिखा:

“रतन टाटा एक दूरदर्शी व्यक्तित्व थे। उन्होंने व्यापार और परोपकार, दोनों में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा समुदाय के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।”

RPG ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने रतन टाटा को याद करते हुए X पर लिखा:

“घड़ी की टिक-टिक थम गई है, एक दिग्गज हमारे बीच से चला गया। रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार के प्रतीक थे। उन्होंने व्यापार जगत और उससे परे अपनी अमिट छाप छोड़ी है। वह हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेंगे।”

महिंद्रा ग्रुप के मुखिया आनंद महिंद्रा ने X पर लिखा:

“मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। भारत की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक छलांग लगाने के कगार पर है, और रतन के जीवन और कार्यों का इसमें बड़ा योगदान रहा है। इस समय उनका मार्गदर्शन बेहद अमूल्य होता। उनके जाने के बाद, हम केवल यही कर सकते हैं कि उनके उदाहरण का अनुसरण करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करें। वह ऐसे व्यवसायी थे जिनके लिए वित्तीय संपत्ति और सफलता का सबसे बड़ा उपयोग तब होता था, जब इसे वैश्विक समुदाय की सेवा में लगाया जाता था। अलविदा। आपको कभी भुलाया नहीं जाएगा। लीजेंड्स कभी नहीं मरते। ओम शांति।”

Ratan Tata Passed Away: रतन टाटा को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया था। 86 वर्षीय टाटा पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ के अनुसार, उन्हें 7 अक्टूबर को उम्र से जुड़ी समस्याओं और ब्लड प्रेशर के कारण भर्ती किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद से उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई।

अपने स्वास्थ्य को लेकर फैली अफवाहों का रतन टाटा ने 7 अक्टूबर को खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि उम्र के कारण वे नियमित चिकित्सा जांच करवा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जारी एक बयान में टाटा ने बताया था कि उनका स्वास्थ्य ठीक है और चिंता की कोई बात नहीं है।

रतन टाटा ने 2012 तक अपने परदादा द्वारा स्थापित टाटा समूह का नेतृत्व किया था। 1991 में वे ऑटोमोबाइल से लेकर स्टील बनाने वाली इस कंपनी के अध्यक्ष बने थे। 1996 में उन्होंने टाटा टेलीसर्विसेज नामक टेलीकम्यूनिकेशन कंपनी की स्थापना की। 2004 में उन्होंने IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को सार्वजनिक कर इसे एक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (PSU) में बदल दिया था।

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, पद छोड़ने के बाद उन्हें टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन का सम्मान दिया गया। भारत सरकार ने उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।