यूपी से बीजेपी विधायक Ramdular Gond को नाबालिग लड़की से रेप के केस में 25 साल जेल और 10 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. नवंबर 2014 में जब ये मामला सामने आया, तब वो विधायक नहीं था, उसकी पत्नी गांव की प्रधान थीं. केस हुआ. केस चलता रहा. Ramdular Gond को बीजेपी से टिकट मिला और वो विधायक बन गया.

लड़की के परिवार को केस वापस लेने के लिए डराया-धमकाया गया. 25-30 लाख रुपयों का लालच दिया गया. लेकिन लड़की और उसका परिवार अपनी लड़ाई लड़ते रहे. सवाल ये है कि Ramdular Gond को जब टिकट मिला, क्या तब पार्टी इस केस के बारे में नहीं जानती थी? ऐसा होना बहुत मुश्किल है.
यह कोई राजनीतिक विरोध प्रदर्शन या राजनीतिक द्वेष के लिए हुआ केस नहीं था. नाबालिग लड़की से बलात्कार का गंभीर केस था, फिर भी पार्टी ने उसे टिकट दिया. राजनीति में अपराधियों और काले धन की कमाई वालों का ही वर्चस्व रहता है. बेटियों के सम्मान-सुरक्षा की सब बातें बस भाषणों और नारों तक ही सीमित हैं. असलियत में बलात्कारियों को टिकट मिलता है, उनके समर्थन (कठुआ केस) में तिरंगा रैली निकाली जाती है, उन्हें कैद होने पर समय से पहले रिहाकर (बिल्किस बानो केस) फूल मालाएं पहनाई जाती हैं या फिर परोल-फरलो पर (राम-रहीम केस) लगातार जेल के बाहर रहने दिया जाता है.
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