राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने खुद लाल डायरी पढ़कर सुनाई।
24 जुलाई को, राजस्थान सरकार की कैबिनेट से बर्खास्त होने के बाद राजेंद्र गुढ़ा विधानसभा में एक ‘लाल डायरी’ लेकर पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि डायरी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ लगाए गए आरोपों की पूरी सूची है। लेकिन उस दिन उन्हें सदन से बाहर कर दिया गया। गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों ने उनसे डायरी छीन ली थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास डायरी का दूसरा भाग भी है। 2 अगस्त को, राजेंद्र गुढ़ा ने इसका एक-दो पन्ना खोला।
रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र गुढ़ा ने बताया कि डायरी में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के चुनाव में हस्तक्षेप का उल्लेख है। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) का अध्यक्ष इस समय सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत है।
राजस्थान की रानीति में भूचाल लाने वाली ये ‘लाल डायरी’ क्या है?
रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी को स्वयं पढ़कर सुनाया और दिखाया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने दो या तीन पन्नों की तस्वीर भी दिखाई। उनका कहना था,
“डायरी में नए खुलासे होंगे, चाहे मैं जेल भी जाऊँ। इस डायरी में भ्रष्टाचार का विश्लेषण किया गया है। अशोक गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार के सभी सबूत लाल डायरी में हैं। वे मेरे खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं।”
गुढ़ा ने कहा कि डायरी में अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के बीच हुई बातें हैं। RCA के चुनावों से जुड़े कुछ खर्चों और लेन-देन का विवरण है। गुढ़ा बताता है कि धर्मेंद्र राठौड़ ने किन लोगों से मुलाकात की और किस विषय पर चर्चा की। इन पन्नों में यह सब बताया गया है।
लाल डायरी के कुछ पन्ने आप यहां पढ़ सकते हैं.
राजीव और भवानी शंकर सामोता आए। RCA चुनाव पर विचार किया। मैंने कहा, “यह ठीक नहीं है” जब भगवान सामोता ने बहुत से लोगों से जो वादा किया था, वह पूरा नहीं किया। आप यह करेंगे।“मैं सीपी साहब की जानकारी में डालता हूं..।”
वैभव जी (अशोक गहलोत के बेटे) ने मेरे दोनों के RCA चुनाव के खर्चों को लेकर चर्चा की, जिसमें भवानी सामोता ने लोगों को अब तक क्या भुगतान किया है।
लाल डायरी किसकी है?
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार गुढ़ा ने कहा कि विधानसभा में उनसे लाल डायरी छीनने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन उन्हें निलंबित कर दिया गया है। जब उनसे डायरी का मालिक पूछा गया, तो उन्होंने कहा,
यदि आपको कोई शक है तो डायरी में लिखी लिखावट को धर्मेंद्र राठौड़ की लिखावट से तुलना करें। मेरे खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। माफी मांगी जा रही है। रांधावा ने माफी मांगी है। और भी लोग बोल रहे हैं। सदन में मेरी डायरी के कुछ पन्ने चुरा लिए गए। मुझे बर्खास्त करने के बजाय उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी।”
राजेंद्र गुढ़ा ने अपने बयान के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 21 जुलाई को कांग्रेस विधानसभा में बीजेपी से मणिपुर की घटना पर प्रश्न पूछ रही थी। राजेंद्र गुढ़ा ने उसी समय कहा कि महिलाओं की सुरक्षा में हम असफल रहे हैं। उनका कहना था कि राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार को मणिपुर की चिंता करने की बजाए, हमें अपने आप को देखने की जरूरत है।
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