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NewsClick :न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में आखिर क्या कहा गया है?

NewsClick :न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में आखिर क्या कहा गया है? जिससे सड़क से लेकर संसद तक गद्दर कटा है।

Newsclick ने भी BJP सांसदों के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है।

NewsClick :न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में आखिर क्या कहा गया है?
NewsClick :न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में आखिर क्या कहा गया है?

New Delhi 8 August (Ravi Singh): भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट का हवाला देकर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने “देशद्रोहियों” और “चाइनीज प्रोपेगैंडा” फैलाया है। लोकसभा में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट ने भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वाले एक “टुकड़े-टुकड़े गैंग” और “कुछ मीडिया” को दिखाया है। दुबे ने दावा किया कि एक मीडिया संस्थान को “चीन ने फंड किया”। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ पत्रकारों को चीन ने भारत को बदनाम करने के लिए फंड दे रहा है। बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को केंद्र सरकार का विरोध करने के लिए चीन बहुत सारा पैसे दे रहा है जिसका उसे NewsClick जैसे संस्थान कर रहे।

कांग्रेस ने इन आरोपों का संसद में विरोध किया। पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने नियम-350 के तहत लोकसभा अध्यक्ष से मांग की कि निशिकांत दुबे का भाषण कार्यवाही से हटाया जाए। बाद में दुबे के दिए भाषण से कुछ शब्द हटाया दिए गए।

जाने Newsclick पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे क्या आरोप लगाया है?

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कुछ देर बाद एक प्रेस वार्ता की। उनका आरोप था कि कांग्रेस ने केंद्रीय एजेंसी ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ जांच में उसका विरोध किया था। अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,

“भारत ने लंबे समय से कहा है कि Newsclick भी प्रचार की एक खतरनाक वैश्विक रणनीति है। यदि मैं कहूँ कि Newsclick , चीन और कांग्रेस सभी एक भारतविरोधी संस्था से जुड़े हुए हैं। राहुल गांधी की फर्जी ‘मोहब्बत की दुकान’ में स्पष्ट रूप से चीनी सामान है। राहुल भारत के बारे में झूठ बोलते थे।”

सुचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे बताया,

जब मैं Newsclick की बात करता हूँ, तो यह एक ग्लोबल मीडिया संस्थान है जिसे चीन ने पैसे मिलता है। न्यूजक्लिक पर पांच दिनों की रेड चली। तो मैं सभी जानकारी दूंगा, जिसमें कितने पैसे आए और कहां से पैसा लिया गया। यह विदेशी नेविल रॉय सिंघम ने खर्च किया। चीन भी सिंघम को धन देता है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के एक प्रोपेगैंडा विंग नेविल रॉय से सीधा संपर्क रखता है। कांग्रेस और विपक्षी दल के प्रमुख अखबारों ने ही इसकी पुष्टि की है। उस बात की पुष्टि की जो भारत ने दो साल पहले की थी।”

हमने 2021 में Newsclick के बारे में बताया था कि भारत को बदनाम करने पर विदेशी हाथ है। कांग्रेस और विरोधी पार्टियां इस “एंटी-इंडिया कैंपेन” में उनका समर्थन किया क्योंकि विदेशी प्रोपेगैंडा भारत के खिलाफ है। ठाकुर ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि न्यूजक्लिक को चीनी कंपनियां नेविल रॉय सिंघम के माध्यम से धन दे रही थीं, लेकिन कार्रवाई के खिलाफ उनके सेल्समैन केवल भारत से आए थे। उन्होंने चीन के मुद्दे को फैलाने और लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की है। ठाकुर ने कहा कि ये लोग ‘फ्री न्यूज’ के बजाय ‘फेक न्यूज’ देंगे।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने चीन के संबंध में क्या लेख प्रकाशित किया?

5 अगस्त को न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट से पूरी बहस शुरू हुई। New York Times ने अमेरिकी बिजनेसमैन नेविल रॉय सिंघम की रिपोर्ट छापी। बताया कि नेविल रॉय विश्वव्यापी संस्थाओं को धनदान देते हैं, जो चीनी सरकार के “प्रोपेगैंडा टूल” की तरह हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सिंघम स्वयं शंघाई में रहते हैं। पिछले महीने, उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के वर्कशॉप में भाग लिया, जिसमें पार्टी को पूरे देश में फैलाने की चर्चा हुई।

नेविल रॉय सिंघम ने एनजीओ, शिक्षण संस्थानों और मीडिया संस्थानों को धन देने की चर्चा की है। 69 वर्षीय आर्चिबॉल्ड डब्ल्यू सिंघम, यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क में प्रोफेसर रहे नेविल समाजवादी चिंतक के बेटे हैं। आर्चिबॉल्ड 1991 में मर गया। आर्चि सिंघम भी उनका नाम था। आर्कि मूल रूप से श्रीलंका में रहते थे। उन्होंने साम्राज्यवाद के खिलाफ भी कई लेख लिखे। बेटे नेविल रॉय सिंघम ने शिकागो में आईटी फर्म खोला था। चीनी सरकार को प्रोत्साहित करने वाले संस्थानों को धन देने का आरोप उन पर लगातार लगाया जाता है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रॉय सिंघम का समूह चीनी सरकार की नीतियों का प्रचार करता है। मसलन, अफ्रीका में राजनेताओं को प्रशिक्षण देना और लंदन में प्रोटेस्ट को धन देना। न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया है कि उसने सिंघम से जुड़ी कई चैरिटी और शेल कंपनियों का पता लगाया है और उसने इस संगठन से जुड़े कई पूर्व कर्मचारियों से बातचीत की है। साथ ही, इसमें बताया गया है कि ये ग्रुप्स मिलकर काम करते हैं। वे एक-दूसरे से क्रॉस और लेख साझा करते हैं। वे एक-दूसरे के प्रतिनिधियों का इंटरव्यू बिना संबंध बताए करते हैं।

समाचार पत्र बताता है कि कॉरपोरेट फाइलिंग से पता चलता है कि नेविल रॉय सिंघम का नेटवर्क भारत में एक समाचार वेबसाइट, “Newsclick” को खरीदता है। समाचार पत्र ने न्यूजक्लिक के एक वीडियो को शेयर करते हुए कहा कि वेबसाइट पर चीन की सरकार का बहुत सारे लेख हैं। वेबसाइट ने एक वीडियो में कहा,

“चीन का इतिहास मजदूर वर्ग को अब भी प्रेरित कर रहा है.”

Newsclick ने क्या प्रतिक्रिया दी?

न्यूजक्लिक ने भी इन आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। 7 अगस्त को संस्थान ने एक घोषणा में कहा,

“Newsclick के खिलाफ पिछले 12 घंटों में कई झूठे और गलत आरोप लगाए गए हैं। ये मामला कोर्ट में है। हम कानूनी ट्रायल का सम्मान करते हैं और मीडिया को इसमें उलझना नहीं चाहते। हमारे खिलाफ कई राजनेताओं और मीडिया संस्थानों ने जो आरोप लगाए हैं, वे सही नहीं हैं। न्यूजक्लिक एक स्वतंत्र पत्रिका है। पूरी तरह से गलत है कि हम कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के प्रवक्ता की तरह या उसके हितों के लिए काम करते हैं। हम भारतीय न्यायपालिका पर भरोसा करते हैं और भारतीय कानून का पालन करते रहेंगे।”

संस्थान ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट ने मौजूदा मामले में न्यूजक्लिक का पक्ष लिया है। कोर्ट ने कई कंपनी अधिकारियों को अंतरिम गिरफ्तारी से राहत दी है। न्यूजक्लिक के खिलाफ आयकर विभाग की शिकायत भी एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने निर्णय दिया कि मामले में मेरिट नहीं है।

वहीं कांग्रेस ने आरोप लगने के बाद सरकार से पूछा कि प्रधानमंत्री सीमा पर चीनी अतिक्रमण पर चुप क्यों हैं और चीन भारत के आधिकारिक भू-भाग में कितना घुस गया है?

न्यूज़क्लिक एक समाचार वेबसाइट है। फरवरी 2021 में ED ने इस संस्थान पर छापेमारी की। इस छापेमारी ने पांच दिनों तक चला। न्यूजक्लिक ऑफिस के अलावा वेबसाइट के एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ को भी गिरफ्तार किया गया था। बाद में भी समाचार आया कि वेबसाइट को मिले धन की जांच की जा रही है। न्यूजक्लिक ने बताया कि कंपनी ने सभी कानूनों का पालन किया है और उसके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।

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