
Manipur Violence में हिंसा का दौर थम नहीं रहा है. बीते 15 जून की रात केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन का घर जला दिया गया. वो राजधानी इंफाल के कोंगबा बाजार इलाके में रहते हैं. राज्य सरकार ने 16 जून की सुबह ये जानकारी दी. बताया गया कि घटना के समय केंद्रीय मंत्री अपने घर पर नहीं थे.
इधर Manipur Violence पर केंद्रीय राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया,
“मैं आधिकारिक काम के चलते फिलहाल केरल में हूं. शुक्र है कि कल रात मेरे इंफाल वाले घर में किसी को नुकसान नहीं पहुंचा. बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे. मेरे घर के ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर को काफी नुकसान हुआ है… अपने गृहराज्य में ये सब देखना बहुत दुखी करने वाला है. मैं लोगों से प्रार्थना करता हूं कि वे शांति बनाने की कोशिश करें. जो भी लोग इस तरह की हिंसा में शामिल हैं, वे निश्चित रूप से अमानवीय हैं.”
इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि मणिपुर Manipur Violence में मौजूदा तनाव की वजह अवैध घुसपैठिए हैं. उन्होंने कहा कि यह दो समुदायों के बीच की लड़ाई नहीं है.
महिलाओं की भीड़ ने जलाए 2 घर
इससे पहले, 15 जून के ही दिन इंफाल में उपद्रवियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसक झड़प भी हुई. उपद्रवियों की भीड़ ने इंफाल के पूर्वी इलाके न्यू चैकऑन में दो घर जला दिए. जब सुरक्षाकर्मी वहां पहुंचे तो भीड़ ने उनपर ही हमला कर दिया. इस भीड़ में ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं. झड़प में तीन लोग घायल हुए हैं. दो महिलाएं और एक सुरक्षाकर्मी को गंभीर चोटें आई हैं.
इधर, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है. इससे पहले 14 जून की रात मणिपुर की उद्योग मंत्री नेमचा किपजेन का भी घर जला दिया गया था.
13 जून को हुई हिंसा में 9 लोगों की मौत
राज्य में करीब 40 दिनों से लगातार हिंसक घटनाएं हो रही हैं. यहां अनुसूचित जनजाति के दर्जे को लेकर दो समुदाय आपस में लड़ रहे हैं. कुकी आदिवासी और मैतेई समुदाय की ये लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. एक दिन पहले 13 जून की रात खमेनलोक गांव में हिंसा भड़की थी. इसमें नौ लोगों की जान चली गई. वहीं करीब 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. बाद में इसे लेकर राज्य के दोनों प्रमुख समुदायों ने अपना-अपना पक्ष रखा.
एक-दूसरे पर इल्जाम लगा रहे दोनों समुदाय
दोनों समुदाय हिंसा का आरोप एक-दूसरे पर लगा रहे हैं. मैतेई समुदाय हमले का जिम्मेदार कुकी आदिवासियों को बता रहा है. उन्होंने कहा कि उनके पेट्रोलिंग गार्ड्स सेंट्रल हॉल में आराम कर रहे थे. इस समय कुकी आदिवासियों ने उनपर हमला किया.
जबकि कुकी लोग इसका जिम्मेदार मैतई समुदाय को बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैतई लोग पहले तो हमारे गांव में घुसे. हमारे घर जलाए. फिर चर्च में बैठकर पार्टी कर रहे थे. उन्होंने चर्च में बीफ और पोर्क खाया. यहां बैठकर शराब भी पी. हमने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस पर उन्होंने एक बार फिर हमपर हमला कर दिया.
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