कौन हैं 'टाइगर' Jairam Mahto, जिन्होंने झारखंड में JMM और BJP की मुश्किलें बढ़ा दी हैं? - The Chandigarh News
कौन हैं 'टाइगर' Jairam Mahto, जिन्होंने झारखंड में JMM और BJP की मुश्किलें बढ़ा दी हैं?

कौन हैं ‘टाइगर’ Jairam Mahto, जिन्होंने झारखंड में JMM और BJP की मुश्किलें बढ़ा दी हैं?

पिछले कुछ वर्षों से Jairam Mahto भाषा, स्थानीयता, और रोजगार जैसे मुद्दों पर मुखर रहे हैं। इन विषयों को उठाकर, वे युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।

कौन हैं 'टाइगर' Jairam Mahto, जिन्होंने झारखंड में JMM और BJP की मुश्किलें बढ़ा दी हैं?

लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड की गिरिडीह सीट से एक 30 साल का नौजवान नेता मैदान में उतरा था। उसने अपनी नई पार्टी बनाई थी, और उसके भाषण सुनने के लिए गांवों और कस्बों से लोग उमड़ते थे। वह अक्सर जीप की बोनट पर खड़े होकर भाषण देता था, और उसके समर्थक उसे ‘टाइगर’ कहकर बुलाते हैं। जींस और टी-शर्ट में नजर आने वाला ये नेता हमेशा स्थानीय मुद्दों पर जोर देता है। युवाओं के रोजगार, भाषा, और अधिकारों की बात करता है, और उसकी भाषा भी पूरी तरह खांटी, बिल्कुल स्थानीय अंदाज में होती है।

इस उभरते हुए नेता का नाम है Jairam Mahto । लोकसभा चुनाव में जयराम ने तीसरा स्थान हासिल किया, लेकिन उन्हें तीन लाख से ज्यादा वोट मिले। यह झारखंड में एक नए नेता के आगमन की आहट थी। अब राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, और एक बार फिर जयराम महतो चर्चा में हैं। उनकी पार्टी राज्य की राजनीति में एक नए मोर्चे के रूप में उभर रही है।

चूंकि झारखंड में मुख्य मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन और जेएमएम के नेतृत्व में INDIA गठबंधन के बीच है, ऐसे में जयराम महतो इस चुनाव में किस पार्टी को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं और उन्होंने राज्य की राजनीति में अपनी पहचान कैसे बनाई, यह जानने की कोशिश करते हैं।

कौन हैं Jairam Mahto ?

Jairam Mahto का जन्म 27 दिसंबर 1994 को धनबाद जिले के मानटांड गांव में हुआ था। उनके परिवार में कुल चार लोग हैं: जयराम, उनकी मां, दादी, और एक छोटा भाई। जयराम के पिता एक आंदोलनकारी थे, जिनकी अलग झारखंड राज्य आंदोलन के दौरान मृत्यु हो गई थी। जयराम ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव में ही की और बाद में पीके रॉय मेमोरियल कॉलेज, धनबाद से अंग्रेजी में ऑनर्स और मास्टर्स किया। वर्तमान में वे अंग्रेजी साहित्य में पीएचडी कर रहे हैं।

राजनीति में एंट्री कैसे हुई?

दिसंबर 2021 में झारखंड सरकार ने राज्य के 11 जिलों में राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए भोजपुरी, मगही और अंगिका को क्षेत्रीय भाषा सूची में शामिल करने की अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद झारखंड में भाषा आंदोलन शुरू हुआ, जिससे नाराज होकर स्थानीय युवाओं ने कई जिलों में विरोध प्रदर्शन किए। इन प्रदर्शनों में जयराम महतो का नेतृत्व प्रमुखता से सामने आया, जहां वे युवाओं का नेतृत्व करते दिखे।

इसके बाद से जयराम लगातार भाषा, स्थानीयता और रोजगार जैसे मुद्दों पर मुखर रहे हैं। 2023 में उन्होंने ‘झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति’ नामक संगठन की स्थापना की। इस साल अगस्त में उनका राजनीतिक दल ‘झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा’ (JLKM) भी रजिस्टर हो गया।

लोकसभा चुनाव में JLKM का प्रदर्शन

JLKM ने लोकसभा चुनाव में 8 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जिनमें गिरिडीह, रांची, कोडरमा, हजारीबाग और धनबाद जैसी सीटें शामिल थीं। हालांकि, पार्टी एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाई, लेकिन कई सीटों पर उम्मीदवारों ने अच्छी संख्या में वोट हासिल किए। गिरिडीह में जयराम महतो को 3 लाख से ज्यादा वोट मिले, वहीं रांची से पार्टी के देवेंद्र नाथ महतो को 1 लाख 32 हजार और हजारीबाग में संजय कुमार मेहता को 1 लाख 57 हजार से ज्यादा वोट मिले।

कुड़मी वोट बैंक का गणित

Jairam Mahto कुड़मी महतो समुदाय से आते हैं, जो झारखंड में लगभग 15% आबादी है और राज्य में निर्णायक भूमिका निभाता है। कुड़मी मतदाता राज्य की 32-35 सीटों पर विशेष प्रभाव रखते हैं, जैसे सिल्ली, रामगढ़, गोमिया, डुमरी और ईचागढ़। जानकारों का मानना है कि जयराम महतो की पार्टी इन सीटों पर नतीजों को प्रभावित कर सकती है।

NDA और INDIA गठबंधन के लिए खतरा

AJSU के प्रमुख सुदेश महतो राज्य के बड़े कुड़मी नेता माने जाते हैं और इस बार उनका गठबंधन भाजपा के साथ है। इससे भाजपा को कुड़मी वोटर्स का समर्थन मिलने की उम्मीद है। हालांकि, Jairam Mahto के मैदान में आने से कई सीटों पर NDA को नुकसान होने की संभावना है। वहीं, यह भी आशंका है कि जयराम महतो का विकल्प मिलने से एनडीए से नाराज कुड़मी वोटर्स INDIA गठबंधन की बजाय उनकी ओर रुख कर सकते हैं।

Jairam Mahto युवाओं में खासे लोकप्रिय हैं। इस चुनाव में भी वे स्थानीय मुद्दों जैसे नौकरी, स्थानीयता, और 1932 के खतियान का मुद्दा उठाकर युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। उनकी शैली काफी आक्रामक है और सभाओं में भारी भीड़ जुटती है।

एक ही जाति में पैठ और संगठन की कमी

जानकारों का मानना है कि जयराम महतो का समर्थन मुख्य रूप से कुड़मी महतो समुदाय तक सीमित है, जहां सुदेश महतो पहले से स्थापित नेता हैं। इसके अलावा, जयराम की पार्टी का अभी जिला या ब्लॉक स्तर पर मजबूत संगठन नहीं है। हालांकि, जयराम का मानना है कि जितनी ज्यादा सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी, उतना ही संगठन मजबूत होगा।

Jairam Mahto खुद डुमरी और बेरमो सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। JLKM ने राज्य की 81 में से 69 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, जिनमें से 50 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं।