
चीन के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने ‘जन मुक्ति सेना’ (पी.एल.ए.) की बहु- प्रचारित ‘वास्तविक युद्ध अभ्यास’ की ‘फर्जी युद्ध क्षमताओं’ पर ऐसे समय में आशंका जताई है, जब राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसे युद्ध जीतने के लिए ‘समुद्री सैन्य संघर्ष’ के वास्ते तैयार होने का आदेश दिया है। शीर्ष सैन्य अधिकारी के बयान से चीन में खलबली मच गई है।
चीन के शक्तिशाली केंद्रीय सैन्य आयोग (सी.एम.सी.) के उपाध्यक्ष जनरल हे वेइदोंग की यह टिप्पणी पी.एल.ए. के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा के दौरान आई। मीडिया को उपलब्ध कराए गए बैठक के विवरण से यह जानकारी मिली।
सी.एम.सी., शी के नेतृत्व वाले तीनों सशस्त्र बलों का संपूर्ण उच्च कमान है। जनरल हे ने सेना की ‘फर्जी युद्ध क्षमताओं’ पर कार्रवाई करने की अपील की है।
सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि शी जिनपिंग द्वारा हाल में की गई कार्रवाई की पृष्ठभूमि में एक शीर्ष अधिकारी की टिप्पणी, इस अभ्यास की प्रमाणिकता पर सवाल उठाती है। हांगकांग से प्रकाशित होने वाले ‘साऊथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ अखबार ने शनिवार को अपनी खबर में कहा कि 2012-13 में सत्ता संभालने के बाद से शी ने ‘रियल टाइम’ युद्ध अभ्यासों और उपकरणों की गुणवत्ता पर जोर दिया था।
शी जिनपिंग ने पिछले वर्ष रक्षा मंत्री ली शांगफु को बर्खास्त कर दिया था। उनके अलावा सेना के 9 अन्य वरिष्ठ जनरलों को हटाया गया था जिनमें से कई मुख्य रॉकेट फोर्स से थे जो देश की मिसाइलों का संचालन करता है।
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