उड़ान योजना

उड़ान योजना

CAG की रिपोर्ट में हुआ खुलासा केंद्र सरकार की सस्ती हवाई यात्रा कराने वाली स्कीम उड़ान योजना फेल!

केंद्र सरकार की सस्ते में हवाई यात्रा कराने वाली स्कीम उड़ान योजना फेल हो गई है। ऐसा हम नही बल्कि कैग की रिपोर्ट कह रही है।

केंद्र सरकार की सस्ती हवाई यात्रा कराने वाली स्कीम उड़ान योजना फेल!
केंद्र सरकार की सस्ती हवाई यात्रा कराने वाली स्कीम उड़ान योजना फेल!

जी हां देश देश के कम्पट्रोलर और ऑडिट जनरल यानी CAG की ऑडिट रिर्पोट में रिजनल कनैक्टिविटी स्कीम की 3 चरणों में जांच की गई है, जिसमे सामने आया कि देशभर में जो 774 रूट उड़ान योजना के लिए चुने गए थे, उनमें से 403 पर अब तक उड़ान नही शुरू हो पाई, जबकि 371 रूट इससे पहले ही बंद हो गए और मार्च 2023 तक आते आते सिर्फ 54 रूट पर ही योजना का संचालन किया जा रहा है।

उड़ान योजना ये था मकसद

2014 में लॉन्च की गई उड़ान योजना का मकसद देश के दूर दराज इलाकों में हवाई यात्रा शुरू करना और बड़े शहरों या राजधानियों से उन इलाकों को हवाई मार्ग से जोड़ना था, ताकि छोटे शहरों की कनेक्टिविटी देश के बड़े शहरों से बेहतर हो सके। रिपोर्ट में कैग ने उड़ान योजना के निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर कई कारण भी गिनाए हैं, योजना के लिए चुने गए हवाई अड्डा या हवाई पट्टियों का समय पर निर्माण नही किया जाना या उनमें समुचित सुधार नही हो पाना एक बड़ा कारण रहा है।

116 में से 83 एयरपोर्ट पर संचालन शुरू नही हुआ

CAG ने रिपोर्ट में कहा कि कुल 116 एयरपोर्ट और हवाई पट्टिया ऐसे हैं, जिसमे से 83 पर संचालन शुरू नही किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक इन हवाई अड्डों पर अब तक 1089 करोड़ रुपए खर्च किए गए। रिपोर्ट में कहा कि खास बात यह है कि योजना के तहत प्रावधान था कि ऑपरेटर पहले रियायती किराए वाले टिकट बचेंगे और बाद में गैर रियायती टिकट बेचे जाएंगे।

इससे जुड़ी पड़ताल को लेकर कैबिनेट ने स्पाइसजैट, इंडिगो समेत अन्य विमान कंपनिया द्वारा प्रावधान का अनुपालन नहीं किए जाने की बात कही। विमान कंपनिया की ओर से स्पष्ट तौर पर रियायती दरों वाली सीटों की उपलब्धता नही बताई जा रही है, इसकी वजह से यात्रियों को इन सीटों की जानकारी नही मिलती और टिकट बुकिंग में पारदर्शिता की भी कमी बरकरार है।