Bhashini: INDIA गठबंधन की बैठक में Nitish Kumar हिन्दी के मुद्दे पर डीएमके नेताओं से उलझ गए। दरअसल, जब वे हिन्दी में बोल रहे थे तब डीएमके नेताओं ने उनके भाषण के अंग्रेज़ी अनुवाद की बात कही और इस काम के लिए आरजेडी के मनोज झा आगे आए।लेकिन Nitish Kumar को यह नागवार गुजरा। वे हिन्दी के प्रयोग पर ज़ोर देते नज़र आए। उन्होंने कहा कि हिन्दी आधिकारिक भाषाओं में से एक है।

ज़ाहिर है इस प्रसंग से उन लोगों को मौक़ा मिल गया जो उत्तर-दक्षिण की बहस चलाते आए हैं। इसे हिन्दी थोपने से जोड़ कर विरोध भी शुरू कर दिया गया। इतिहास गवाह है कि राजनीतिक गठबंधन बनाने और मिल-जुल कर सरकारें चलाने में भाषा कभी आड़े नहीं आई। DMK _ AINDMK सरकार में उत्तर भारतीय क्षेत्रीय दलों के साथ रहीं हैं। कैबिनेट की बैठकों में कौन से अनुवादक बैठा करते रहे होंगे?
भाषा का यह मुद्दा विभाजनकारी ताक़तों के हाथों में हमेशा से एक हथियार रहा है। पर तकनीक इससे छुटकारा दिला सकती है।कल्पना कीजिए कि एक ऐसा उत्तर भारतीय तमिलनाडु जाए जिसे तमिल नहीं आती। या तमिलनाडु से कोई लखनऊ जाए जो हिन्दी न बोल पाता हो।
Bhashini एक ऐसा Artificial Intelligence platform है जो रियलटाइम में मशीनी भाषाई अनुवाद करता है। यह भारत सरकार द्वारा विकसित किया गया है जो भाषाई दूरी को आसानी से पाट सकता है।
हाल ही में दो मौक़ों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका प्रयोग किया। 19 दिसंबर को स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन के ग्रैंड फिनाले में तमिलनाडु से आए पाँच छात्रों ने भाषिणी के माध्यम से पीएम मोदी का भाषण तमिल में सुना। इससे पहले रविवार 16 दिसंबर को पीएम मोदी ने काशी तमिल संगमम में तमिलनाडु से आए लोगों से कहा कि वे हेडफ़ोन लगा लें। इस पर भाषिणी के माध्यम से उनके भाषण का तमिल अनुवाद रियलटाइम में सुनाई दिया।
अगर भाषिणी का व्यापक प्रचार प्रसार हो जाए तो यह भाषायी दीवारों को तोड़ कर राष्ट्रीय एकता के लिए एक बड़ा योगदान होगा।