Bhai Dooj 2024, जो 3 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा, भाई-बहन के पवित्र बंधन को तिलक और उपहारों के आदान-प्रदान जैसी रस्मों के साथ मनाता है। यह पर्व प्रेम और कर्तव्य का प्रतीक है, जिसकी जड़ें यम और यमुना की कथाओं से जुड़ी हैं। इसे पूरे भारत में उत्साह से मनाया जाता है, जो परिवार में एकता और स्नेह को बढ़ावा देता है।
दीवाली के उत्सव के समापन के साथ ही भाई-बहन के विशेष बंधन को मनाने वाला शुभ पर्व भाई दूज नजदीक आ रहा है। इस साल भाई दूज, जिसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, 3 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह पर्व अपने साथ कई परंपराएं और रिवाज लेकर आता है, जो गहरी पौराणिक कथाओं और स्नेह में रचे-बसे हैं।
भाई दूज 2024: मुख्य तिथियाँ और शुभ मुहूर्त
भाई दूज के लिए द्वितीया तिथि 2 नवंबर को रात 8:21 बजे शुरू होकर 3 नवंबर को रात 10:05 बजे समाप्त होगी। हालांकि, परंपरा के अनुसार, उदया तिथि के महत्व के कारण मुख्य उत्सव 3 नवंबर को मनाया जाएगा।
तिलक समारोह का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 से 3:22 तक रहेगा, जो बहनों को इस प्रिय परंपरा को निभाने के लिए 2 घंटे 12 मिनट का विशेष समय प्रदान करता है।
Bhai Dooj का महत्व: सिर्फ एक पर्व नहीं, एक अनोखी परंपरा
भाई दूज केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम और कर्तव्य का गहरा प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सफलता की कामना करते हुए तिलक करती हैं, और भाई इसके बदले में उन्हें उपहार देते हैं।
इस पर्व की जड़ें यमराज, मृत्यु के देवता, और उनकी बहन यमुना से जुड़ी पौराणिक कथाओं में पाई जाती हैं। माना जाता है कि इसी दिन यमराज ने यमुना के घर आकर उनके आतिथ्य को स्वीकार किया और उन्हें आशीर्वाद दिया। यह प्रेमपूर्ण कर्तव्य उस सुरक्षात्मक बंधन का प्रतीक है, जो भाई-बहन आपस में साझा करते हैं।
Bhai Dooj 2024: एकता का पर्व
भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला भाई दूज, अपने महत्व में रक्षाबंधन के समान है। इसे विभिन्न नामों—भाई फोटा, भाऊ बीज, भाई बीज आदि से जाना जाता है। यह पर्व परिवारों को एकजुट करता है और भाई-बहन के बीच के भावनात्मक बंधन को उजागर करता है।
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