Arvind Kejriwal Sheesh Mahal Seal: आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना भाजपा के एक वरिष्ठ नेता को मुख्यमंत्री आवास आवंटित करने की योजना बना रहे हैं।

Arvind Kejriwal Sheesh Mahal Seal: दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। 9 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के आधिकारिक आवास से उनका सामान हटवाया जा रहा है। AAP का दावा है कि यह सब दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना के आदेश पर हो रहा है। दो दिन पहले ही आतिशी इस आवास में शिफ्ट हुई थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों ने इस सरकारी आवास को सील कर दिया है।
6 फ्लैग स्टाफ रोड, सिविल लाइंस, दिल्ली—यह दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास का पता है। पिछले हफ्ते तक अरविंद केजरीवाल यहां रह रहे थे। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तीन हफ्ते बाद उन्होंने यह आवास खाली किया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, PWD अधिकारियों ने बताया कि आतिशी के पास इस आवास की चाबी थी, लेकिन इसे उन्हें आधिकारिक रूप से आवंटित नहीं किया गया था। दिल्ली में मुख्यमंत्री के लिए कोई विशेष बंगला नहीं है। केजरीवाल 2015 से इस आवास में रह रहे थे और 2020-21 में इसका रेनोवेशन कराया गया था। पिछले साल इस मरम्मत पर हुए खर्च को लेकर काफी विवाद भी हुआ था।
आवास सील किए जाने और सामान निकाले जाने को लेकर आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा इस आवास पर “कब्जा” करना चाहती है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया:
“देश के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री आवास को खाली कराया गया है। भाजपा के इशारे पर एलजी ने जबरन मुख्यमंत्री आतिशी का सामान सीएम आवास से निकलवाया है। 27 साल से दिल्ली में सत्ता से बाहर रही भाजपा अब सीएम आवास पर कब्जा करना चाह रही है।”
बयान में यह भी आरोप लगाया गया कि एलजी, भाजपा के एक बड़े नेता को यह आवास आवंटित करने की तैयारी कर रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों के अनुसार, 9 अक्टूबर की सुबह करीब 11-11:30 बजे PWD अधिकारियों की एक टीम मुख्यमंत्री आवास पहुंची थी, और उन्हें दोपहर तक आवास की चाबी मिल गई थी।
PWD ने चाबी सौंपने का निर्देश दिया था, और इसका पालन न करने पर सतर्कता निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल के विशेष सचिव समेत तीन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। अधिकारियों को सात दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।