Abhishek Manu Singhvi Sex CD scandal: 2012 सेक्स विवाद और संसद में हो गया था बवाल

Abhishek Manu Singhvi Sex CD scandal:  2012 सेक्स विवाद और संसद में हो गया था बवाल

Abhishek Manu Singhvi Sex CD scandal : नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की कथित सेक्स सीडी इन दिनों सुर्खियों में है और देशभर में चर्चा का विषय बन गई है। इस विवाद ने राजनीति में हलचल मचा दी है और मीडिया, खासकर प्रमुख टेलीविजन चैनल, लगातार इस पर बहस कर रहे हैं। भाजपा ने भी इस मुद्दे को संसद में उठाने की योजना बनाई है, जिससे आने वाले दिनों में राजनीतिक माहौल गर्म रहने की संभावना है।

Abhishek Manu Singhvi Sex Mms :भाजपा का हमला:

भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने इस सेक्स सीडी को लेकर कड़े शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने स्वयं इस सीडी को देखा है और कहा कि इसमें जो कुछ भी दिखाया गया है, वह न्यायपालिका की गरिमा के खिलाफ है। सीडी की शुरुआत ही इस सवाल से होती है, “जज कब बना रहे हो?” इसके बाद आपत्तिजनक दृश्य सामने आते हैं। मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि सिंघवी ने एक गंभीर अपराध को छुपाने की कोशिश की है, जो न केवल नैतिकता बल्कि कानूनी दृष्टिकोण से भी अनुचित है। उन्होंने यह भी कहा कि जो कुछ हुआ, वह कोर्ट परिसर में हुआ, जिससे न्यायालय की गरिमा पर प्रश्नचिह्न लग गया है।

मीडिया में खबर और सिंघवी की प्रतिक्रिया:

गुरुवार रात को करीब नौ बजे सिंघवी की कथित सेक्स सीडी इंटरनेट पर लीक हुई। सीडी के लीक होने के तुरंत बाद, दैनिक भास्कर डॉट कॉम ने इस खबर को प्रकाशित किया। शुरुआती कुछ दिनों तक टेलीविजन चैनलों पर इस खबर को जगह नहीं मिली थी, लेकिन सिंघवी के बयान के बाद इसे व्यापक रूप से कवरेज मिलने लगी। सिंघवी ने अपनी सफाई में कहा है कि वह इस मुद्दे के कारण संसद के कामकाज में बाधा नहीं बनना चाहते, इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि यह मामला अब संसद में भी गूंजेगा।

संसद सत्र और राजनीतिक टकराव:

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मंगलवार से संसद का सत्र शुरू होने जा रहा है, और इस विवाद के चलते संसद में हंगामे की संभावना है। भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह इस मुद्दे को संसद में जोर-शोर से उठाएगी। विपक्ष का कहना है कि इस तरह के मामले न केवल सार्वजनिक जीवन में नैतिकता की कमी को उजागर करते हैं, बल्कि न्यायपालिका की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े करते हैं।