
Bahraich Ramgopal Mishra: बहराइच में मारे गए रामगोपाल मिश्रा को लेकर दावा किया गया कि उसके साथ बर्बरता की गई, उसे विभिन्न तरह की यातनाएं दी गईं और फिर उसकी हत्या की गई। यह भी कहा गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा सामने आया है। हालांकि, अब पुलिस ने इन सभी दावों को फर्जी करार दिया है। पुलिस ने इस मामले में क्या-क्या कहा है?
यूपी के बहराइच जिले में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में रामगोपाल मिश्रा नामक युवक की मौत हो गई थी। पिछले दो दिनों से रामगोपाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर मीडिया में कई दावे किए जा रहे थे। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि रामगोपाल के साथ बर्बरता हुई, उसे विभिन्न यातनाएं दी गईं और फिर उसकी हत्या की गई। हालांकि, बहराइच पुलिस ने अब इन दावों को फर्जी बताते हुए खंडन किया है।
Bahraich Ramgopal Mishra: पुलिस ने क्या जानकारी दी है?
बहराइच पुलिस के सोशल मीडिया सेल ने अपने एक ट्वीट में बताया, “बहराइच के महराजगंज कस्बे के हरदी थाना क्षेत्र में हुई घटना के दौरान एक हिंदू व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के उद्देश्य से झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। इनमें दावा किया जा रहा है कि मृतक युवक को करंट लगाया गया, उसे तलवार से मारा गया और उसके नाखून उखाड़ दिए गए। इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, युवक की मौत का कारण गोली लगना है। इस घटना में किसी और व्यक्ति की मौत नहीं हुई है…”
पुलिस ने आगे अपील की है कि लोग साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखें और ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें, साथ ही भ्रामक सूचनाओं का प्रसार न करें।
— BAHRAICH POLICE (@bahraichpolice) October 16, 2024
पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर क्या दावे किए गए थे?
16 अक्टूबर, बुधवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि मृतक रामगोपाल मिश्रा को यातनाएं देकर मारा गया था। बताया गया कि 22 वर्षीय रामगोपाल की हत्या से पहले उसके साथ गंभीर बर्बरता की गई। यह भी कहा गया कि उसे करंट लगाया गया था। रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया कि रामगोपाल की बॉडी पर गोली के 35 छर्रों के निशान मिले हैं, और उसके सिर, माथे व हाथ पर धारदार हथियार से हमले के निशान भी पाए गए हैं।
इसके अलावा, यह आरोप लगाया गया कि रामगोपाल के पैर के नाखून खींचकर उखाड़ दिए गए थे और आंखों के पास किसी नुकीली वस्तु से गहरा घाव किया गया था।
यह घटना बहराइच जिले के रेहुआ मंसूर गांव में 13 अक्टूबर 2024 को शाम करीब 6 बजे हुई थी। गांव के कुछ लोग दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए जुलूस निकाल रहे थे। जब यह जुलूस महराजगंज बाजार में एक विशेष समुदाय के मोहल्ले से गुजर रहा था, तब दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके गए, और जुलूस में शामिल रामगोपाल ने दूसरे समुदाय के एक घर की छत पर जाकर नारेबाजी की और वहां भगवा झंडा लहराया। उसने वहां पहले से लगा एक झंडा भी निकाल दिया। इसी दौरान आरोप लगाया गया कि रामगोपाल को अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई।
More Stories
PM Paetongtarn Shinawatra Leaked Call to Hun Sen Triggers Political Crisis
Delhi-Pune Air India Flight Suffers Bird-Hit; Return Journey Cancelled, Passengers Stranded
Justice Yashwant Varma impeachment: Inquiry Panel Recommends Impeachment of Justice Yashwant Varma Over Burnt Cash Scandal