SCO Summit 2024 LIVE Updates: डिनर से पहले एस जयशंकर और शहबाज शरीफ की मुलाकात

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SCO Summit 2024 LIVE Updates: डिनर से पहले एस जयशंकर और शहबाज शरीफ की मुलाकात

SCO Summit 2024 LIVE Updates: डॉ एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा से पहले इंडिया की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि वह एससीओ प्रारूप में सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है.

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा आयोजित रात्रिभोज से पहले एस जयशंकर और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का आमना-सामना हुआ। कुछ सेकंड की इस मुलाकात में दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और संक्षिप्त बातचीत की।

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का पाकिस्तान में रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत किया गया। परंपरागत रूप से इस रंग की कार्पेट का उपयोग तब किया जाता है जब किसी वीआईपी, सेलिब्रिटी या उच्च पदस्थ प्रतिनिधि की औपचारिक एंट्री होती है।

SCO Summit 2024 LIVE Updates: क्या है SCO?

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा संगठन है, जिसकी स्थापना 2001 में चीन और रूस द्वारा की गई थी। इसका मुख्यालय बीजिंग में स्थित है, और इसे चीन, रूस, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान ने मिलकर स्थापित किया था। SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका उद्देश्य राजनीति, व्यापार, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति, शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में प्रभावी सहयोग को प्रोत्साहित करना है। यह संगठन सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास, मित्रता और अच्छे पड़ोसी संबंधों को मजबूत करने पर विशेष जोर देता है।

पाकिस्तान को लेकर क्या है इंडिया का स्टैंड?

भारत का पाकिस्तान को लेकर स्पष्ट स्टैंड यह है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य और सौहार्दपूर्ण पड़ोसी संबंध चाहता है, लेकिन इसके लिए आतंकवाद और शत्रुता मुक्त वातावरण बनाना इस्लामाबाद की जिम्मेदारी है। भारत लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि बातचीत और रिश्तों में प्रगति तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे। मई 2023 में, पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए थे, जो इसी संदर्भ में एक महत्वपूर्ण घटना थी।

भारत-पाकिस्तान के संबंध कई बार तनावपूर्ण रहे हैं, और इसके पीछे कुछ प्रमुख घटनाएं

एक अहम घटना फरवरी 2019 की है, जब भारत के युद्धक विमानों ने पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में गहरा तनाव पैदा हो गया।

इस तनाव में और वृद्धि तब हुई जब 5 अगस्त 2019 को भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। इस कदम के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों को कम कर दिया और दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।

इस घटनाक्रम के बाद, भारत ने वरिष्ठ मंत्री को पाकिस्तान भेजने का निर्णय लिया, जिसे एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है।

आखिरी बार पाकिस्तान की यात्रा करने वाली भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं

आखिरी बार पाकिस्तान की यात्रा करने वाली भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं। यह करीब नौ साल में पहली बार होगा जब भारत का कोई विदेश मंत्री कश्मीर मुद्दे और सीमा पार आतंकवाद के बावजूद, जो दोनों देशों के रिश्तों को तल्ख बना चुके हैं, पाकिस्तान यात्रा करेगा। सुषमा स्वराज दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद आई थीं। एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे नयी दिल्ली की ओर से एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक निर्णय के रूप में देखा जा रहा है।

डॉ. एस जयशंकर की यात्रा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस्लामाबाद पहुंचने के बाद, उनकी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा आयोजित भोज समारोह में शामिल होने की संभावना है, जो एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए रखा गया है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों ने एससीओ शासनाध्यक्षों की बैठक के दौरान डॉ. जयशंकर और पाकिस्तान के समकक्ष मंत्री इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार किया है। बावजूद इसके, वे सामान्य शिष्टाचार का पालन करेंगे।