Mayawati on Jat community: बसपा प्रमुख मायावती ने हार के बाद जाट समाज पर ठीकरा फोड़ा

Mayawati on Jat community: बसपा प्रमुख मायावती ने हार के बाद जाट समाज पर ठीकरा फोड़ा

Mayawati on Jat community: बसपा प्रमुख मायावती ने हार के बाद जाट समाज पर ठीकरा फोड़ा,बसपा एक सीट जीत सकी,बसपा की सहयोगी INLD ने दो सीटें जीतीं,मायावती ने कहा हरियाणा के जाट अपनी मानसिकता बदलें।

Mayawati on Jat community: बसपा प्रमुख मायावती ने हार के बाद जाट समाज पर ठीकरा फोड़ा

Mayawati on Jat community: हरियाणा चुनाव के नतीजों पर बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने हार का कारण बंटे हुए वोटबैंक और हरियाणा के जाट समुदाय को बताया। मायावती ने कहा कि जाट समाज के ‘जातिवादी’ लोगों ने बसपा को वोट नहीं दिया। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश और हरियाणा के जाटों के बीच का अंतर भी स्पष्ट किया।

Mayawati on Jat community: मायावती ने अपने X अकाउंट पर पोस्ट किया है:

“आज के परिणाम से यह स्पष्ट है कि जाट समाज के जातिवादी लोगों ने बीएसपी को वोट नहीं दिया, जिसके कारण बीएसपी के उम्मीदवार कुछ सीटों पर थोड़े अंतर से हार गए। यूपी के जाट समाज ने अपनी जातिवादी मानसिकता में काफी बदलाव किया है, और बसपा से विधायक और मंत्री भी बने हैं। हरियाणा के जाट समाज को भी उनके पदचिह्नों पर चलकर अपनी जातिवादी मानसिकता को बदलना चाहिए।”

मायावती ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, “पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़ने के लिए मैं आप सभी का हार्दिक आभार प्रकट करती हूं। आपकी मेहनत व्यर्थ नहीं जाएगी। निराश न हों और हिम्मत न हारें।”

Mayawati on Jat community: बसपा प्रमुख मायावती ने हार के बाद जाट समाज पर ठीकरा फोड़ा

INLD-बसपा गठबंधन और जेजेपी-आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) गठबंधन का उद्देश्य जाटों और दलितों को एकजुट करना था। लेकिन इस चुनाव में INLD केवल दो सीटें जीत पाई, जबकि जेजेपी, बीएसपी और एएसपी (के) का खाता तक नहीं खुला। पिछली बार एक सीट जीतने वाली INLD को इस बार 4.14% वोट मिले, जबकि बीएसपी को 1.82% वोट हासिल हुए।

लोकसभा चुनावों में बीएसपी के खराब प्रदर्शन के बाद भी पार्टी प्रमुख मायावती ने इसी तरह की प्रतिक्रिया दी थी। तब उन्होंने हार का कारण मुस्लिम समाज को बताया था। उनका कहना था कि पार्टी ने मुस्लिम समाज के उम्मीदवारों को उचित प्रतिनिधित्व दिया था, लेकिन इसके बावजूद मुस्लिम समाज पार्टी को समझ नहीं पाया। ऐसे में पार्टी आगे के कदम बहुत सोच-समझकर उठाएगी।