Ravindra Singh Bhati Viral Photo : बाड़मेर-जैसलमेर के लोकसभा चुनाव प्रचार में रविंद्र सिंह भाटी निर्दलीय ताल ठोककर लगातार सोशल मीडिया और जमीन पर चर्चा का विषय बनते हुए एक धुन में आगे बढ़ रहे थे. नेशनल न्यूज चैनलों और पत्रकारिता के बड़े चेहरों के साथ दिख रहे थे लेकिन अचानक अब पहले चरण की वोटिंग से कुछ समय पहले उनके नाम के साथ एक विवाद सोशल मीडिया पर मोमेंटम पकड़ने लगा है.
बीजेपी-कांग्रेस के कई बड़े नेता और सोशल मीडिया पर कई लोग भाटी के लंदन दौरे की एक फोटो को लेकर कई सवाल पूछ रहे हैं.
दरअसल भाटी इस साल फरवरी में लंदन दौरे पर गए थे जहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिंस्टर, लंदन में ग्लोबल एंगेजमेंट एंड एम्प्लॉयबिलिटी के VC और प्रोफेसर दिब्येश आनंद से मुलाकात की थी.
दिब्येश आनंद जाने-माने नाम हैं, कई पत्र-पत्रिकाओं में लेख लिखते रहते हैं, चीन, ग्लोबल डवलपमेंट के जानकार है और हिंदू राष्ट्र, आरएसएस, कश्मीर, पीएम मोदी आदि कई मसलों पर विदेशी मंचों पर बोलने और लिखते रहे हैं.
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Ravindra Singh Bhati Viral Photo
दिब्येश आनंद सितंबर तक WU में स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के हेड थे. आनंद ने 2007 में इंटरनेशनल रिलेशन में रीडर (नॉन-ब्रिटिश सिस्टम वालों के लिए एसोसिएट प्रोफेसर) के रूप में वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी से जुड़े और 2016 से प्रोफेसर हैं.
भाटी के सोशल मीडिया के मुताबिक वह इस साल फरवरी में लंदन टूर के दौरान प्रोफेसर आनंद से मिले थे जहां उन्होंने मुलाकात के बाद कहा था कि – प्रोफेसर से शिव जैसे दूरस्थ इलाकों के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तलाशने को लेकर व्यापक और सार्थक चर्चा हुई और प्रोफेसर आनंद ने मुझे शिव विधानसभा के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने में अपने निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया.
अब जब बीजेपी ने कश्मीर में धारा 370, राष्ट्रवाद जैसे मसलों पर मुख्य चुनावी मोमेंटम बना रखा है उसमें अब भाटी की आनंद से एक पुरानी मुलाकात और उनसे जुड़े कुछ पोस्टर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है.
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्टरों में भाटी को – राष्ट्रवादी के भेष में नकली राष्ट्रवादी, देशद्रोही एवं गद्दार, टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थक आदि बताया जा रहा है. बीजेपी के कुछ नेता और कार्यकर्ताओं के अलावा कांग्रेस के भी कई नेता ‘एंटी इंडिया रविंद्र’ हैशटैग पर अपनी बात शेयर कर रहे हैं.
हालांकि भाटी की ओर से अभी इस मसले पर कोई बयान नहीं आया है, शायद वह इस पर नहीं बोलेंगे….जैसा पीएम मोदी के बाबा रामदेव के जन्मस्थान कश्मीर बताने पर भी भाटी ने रिएक्ट करने से किनारा किया. इसके अलावा सोशल मीडिया पर इस तरह के दुपहरी मुद्दों का जमीन पर कम ही असर देखने को मिलता है.
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