साल 2015 में प्रयागराज में अधिवक्ताओं संग हुए विवाद में हुई हाथापाई में inspector Shailendra singh के सरकारी पिस्टल से चली गोली से अधिवक्ता नबी अहमद की मौत हो गई।

हालात यहां तक पहुंच गए कि inspector Shailendra singh केस लड़ने को अधिवक्ता ही नहीं मिल पा रहा था, बीते 8 वर्षों से जेल में कैद में रहने के दौरान ही इन्हें सजा सुना दी गई, नौकरी से बर्खास्त कर ही दिए गए थे, इनकी बड़ी बेटी छठी कक्षा में पढ़ती है। इसके बाद बेटा और फिर सबसे छोटी बेटी है. जिस समय यह घटना हुई, सबसे छोटी बेटी तीन माह की थी, इनके परिजनों की पीड़ा रही कि पुलिस महकमे ने इन्हें पूरी तरह भुला दिया. बहरहाल, अब हाईकोर्ट से बेल मिलने के बाद बाहर आए हैं, जाहिर है इन आठ वर्षों में इनके और इनके परिवार की दुनिया ही बदल गई!