ट्विटर के को-फाउंडर जैक डोर्सी ने थोड़ा हैरान करने वाले आरोप लगा दिए हैं. ये आरोप उन्होंने मोदी सरकार पर लगाए हैं. कहा है कि भारत में हुए किसान आंदोलन के दौरान सरकार की तरफ से उन पर दबाव डाला गया था. कई बार कहा गया था कि उन ट्विटर अकाउंट को बंद कीजिए,
जो किसान आंदोलन को कवर कर रहे हैं और इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना कर रहे हैं. जैक डोर्सी ने ये बात सोमवार, 12 जून को एक इंटरव्यू में कही है, जो उन्होंने यूट्यूब चैनल – ब्रेकिंग पॉइंट्स – को दिया
जैक डोर्सी इंटरव्यू में क्या बोले?
इस इंटरव्यू के दौरान जब ट्विटर के पूर्व सीईओ से पूछा गया कि क्या उन्हें ट्विटर में रहते हुए कभी अन्य देशों की सरकारों का दबाव झेलना पड़ा था?
इस पर जैक डोर्सी ने कहा,
“उदाहरण के तौर पर भारत है. भारत ने किसान आंदोलन के दौरान (ट्विटर अकाउंट ब्लॉक करने की) बहुत सारी रिक्वेस्ट हमें भेजी थीं. ये उन पत्रकारों को लेकर थीं, जो किसान आंदोलन के दौरान सरकार की आलोचना कर रहे थे. ये रिक्वेस्ट इस तरह से की गई थीं- ‘हम भारत में ट्विटर बंद कर देंगे… आपके कर्मचारियों के घरों में रेड करेंगे’, जो उन्होंने किया भी.”
जैक डोर्सी आगे कहते हैं,
“कहा गया था कि अगर आपने हमारी बात नहीं मानी तो हम आपका (ट्विटर का) ऑफिस बंद कर देंगे… और देखिए ये भारत है, जो एक लोकतांत्रिक देश है.”
भारत सरकार ने जैक डोर्सी के इन आरोपों का जवाब दिया है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक ट्वीट में लिखा,
‘जैक डोर्सी सरासर झूठ बोल रहे हैं… जनवरी 2021 में (किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान )बहुत सारी गलत जानकारियां और यहां तक कि नरसंहार की रिपोर्ट भी आईं थीं, जो निश्चित रूप से झूठी थीं.
भारत सरकार के लिए ट्विटर से इन गलत सूचनाओं को हटवाना जरूरी था, क्योंकि इन फर्जी खबरों के चलते लोग भड़क सकते थे. जैक डोर्सी के नेतृत्व के दौरान ट्विटर का रवैया पक्षपातपूर्ण था, उन्हें भारत में गलत सूचनाओं को ट्विटर से हटाने में परेशानी होती थी, लेकिन जब अमेरिका में ऐसा कुछ होता था तो वहां वो खुद गलत जानकारियां ट्विटर से हटा देते थे… किसी पर छापा नहीं मारा गया और न ही कोई जेल भेजा गया, ट्विटर का ऑफिस भी बंद नहीं हुआ. उस समय सरकार का ध्यान केवल भारतीय कानूनों का पालन हो, ये सुनिश्चित करने पर था.’
वापस लिए थे तीनों कानून
केंद्र सरकार ने सितंबर 2020 में संसद में तीन कृषि कानून पास किए थे. इन कानूनों का पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी समेत देश के तमाम राज्यों के किसानों ने विरोध किया था. कई राज्यों के किसानों ने दिल्ली में कूच किया था.
इन्होंने करीब एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर डटकर प्रदर्शन किया. नवंबर 2021 में एक दिन अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया और तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा कर दी.
इसके बाद किसानों से सरकार की बात हुई. सरकार की तरफ से किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और MSP की कानूनी गारंटी सहित उनकी कई लंबित मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया गया.
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