लोकसभा सचिवालय ने 7 अगस्त को अधिसूचना जारी कर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल की थी.

राहुल गांधी

राहुल गांधी ने 12 तुगलक लेन वाला बंगला वापस मिलने पर देश का जिक्र कर किसको संदेश भेजा?

राहुल को वही 12 तुगलक लेन वाला बंगला मिला है, जहां वो सांसदी जाने से पहले रहा करते थे.

लोकसभा सचिवालय ने 7 अगस्त को अधिसूचना जारी कर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल की थी.
लोकसभा सचिवालय ने 7 अगस्त को अधिसूचना जारी कर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल की थी.

राहुल गांधी सांसद की सदस्यता बहाल होने के बाद 8 अगस्त को कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी को उनका सरकारी बंगला वापस मिल गया. राहुल को पुराना बंगला मिला है, जहां वो पहले सांसदी जाने से पहले रहा करते थे. सूत्रों की माने तो अगले कुछ दिनों में राहुल गांधी 12 तुगलक लेन वाले बंगले में ही रहने लगेंगे. बंगला वापस मिलने के बाद राहुल गांधी मीडिया से बात करते हुए. राहुल से जब बंगला वापस मिलने के बारे में सवाल पूछा गया, तो राहुल ने उत्तर दिया,

“मेरा घर पूरा हिंदुस्तान है.”

राहुल गांधी ने आगे कहा

ये जो आशियाना है, 19 साल के लिए हिंदुस्तान के लोगो ने मुझे दिया है. सबसे पहले मैं उन सब का धन्यवाद करना चाहता हूं.राहुल ने आगे कहा कि सच बोलने की कीमत है आजकल, और मैं कीमत चुकाने के लिए तैयार हु. राहुल ने कहा सच कि जो भी कीमत होगी, वो हम चुकाएंगे. सवाल पूछना नहीं छोड़ेंग।

राहुल की सांसद सदस्यता बहाल कर दी गयी

7 अगस्त को लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर राहुल की सदस्यता बहाल की। सूचना में कहा गया था,

“4 अगस्त को भारत की सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में राहुल की सजा पर रोक लगा दी है। वे केरल संसदीय क्षेत्र वायनाड से सांसद हैं। उन्हें सजा सुनाई गई थी। 4 अगस्त 2023 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए, 24 मार्च को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने का आदेश खारिज किया जाता है।”

कांग्रेस ने इसके बाद लोकसभा अधिसूचना की तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा,

“नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत.”

कांग्रेस नेताओं ने इस अवसर पर एक-दूसरे को मिठाई खिलाई, जिसका वीडियो भी साझा किया गया। पार्टी ने एक ट्वीट में कहा,

“राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो गई. ये सत्य की जीत है. भारत के लोगों की जीत है. खुशी का पल.”

इससे पहले गुजरात के सूरत जिले में मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सज़ा सुनाई थी। मोदी सरनेम मामले में उन्हें यह फैसला सुनाया गया था। राहुल ने भी इस फैसले के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी। 7 जुलाई को हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। 15 जुलाई को राहुल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में उनकी सजा पर रोक लगा दी।