ज्ञानवापी परिसर: ASI सर्वे को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी, 4 अगस्त
ज्ञानवापी परिसर ASI सर्वे को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी

ज्ञानवापी परिसर: ASI सर्वे को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी

ज्ञानवापी परिसर: ASI सर्वे को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी

ज्ञानवापी पर 3 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया। सर्वे को अनुमति दी थी।

ज्ञानवापी परिसर ASI सर्वे को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी
ज्ञानवापी परिसर: ASI सर्वे को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी

ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी है

ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी है। शुक्रवार 4 अगस्त को यह निर्णय हुआ। 3 अगस्त की सुबह 10 बजे, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI को इस सर्वे को करने की अनुमति दी थी। मस्जिद पक्ष ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सर्वोच्च न्यायालय ने भी अब इसकी अनुमति दी है। मस्जिद पक्ष की दलील को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

मीडिया से बात करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी ने न्यायालय के फैसले की जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस सर्वे की पूरी प्रक्रिया को सील करके रखा जाए. कुछ भी बाहर आ सकता है, जो समस्याओं का कारण बन सकता है। लाइव लॉ के अनुसार, कोर्ट ने ये भी कहा कि इस सर्वे की रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट में सिर्फ सीलबंद लिफ़ाफ़े में दी जाएगी।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि मस्जिद को छुआ नहीं जाएगा और कोई खुदाई नहीं होगी। आगे कहा कि कोर्ट ने सभी पक्षों को सुना है। ASI ने अदालत को भरोसा दिलाया है कि सर्वे गैर-आक्रामक होगा और इमारत को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा।

ASI की 40 सदस्यीय टीम ने 4 अगस्त की सुबह सर्वे शुरू किया है। ये कार्रवाई भारी पुलिस सुरक्षा में शुरू की गई।

ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी थी मंजूरी 

3 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे को मंजूरी दी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि ये “न्याय के हित के लिए आवश्यक” हैं। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। मामले पर वकील विष्णु जैन ने मीडिया से कहा,

“कोर्ट ने कहा कि ASI सर्वे शुरू होना चाहिए क्योंकि इससे किसी को नुकसान नहीं होगा। जिला अदालत का निर्णय तत्काल लागू होना चाहिए। कोर्ट ने हमारी सभी दलीलों को मान लिया है। सर्वे शुरू करना चाहिए। जो भी बात है, चाहे वह झूठ हो या सच, न्यायालय में पेश होना चाहिए।”

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे इस फैसले को सराहते हैं। उनका विश्वास है कि ASI सर्वे के बाद सच्चाई पता चलेगी। इसके बाद ज्ञानवापी की समस्या हल होगी।

सर्वे को जिला अदालत ने भी मंजूर किया

21 जुलाई को वाराणसी जिला अदालत ने सर्वे को मंजूरी दी। लेकिन इन्तज़ामिया मस्जिद कमेटी ने सर्वे से पहले सुप्रीम कोर्ट में अपील की। इस अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को हाईकोर्ट जाने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में अपील करने के लिए दो दिन का समय दिया था। इसके बाद मामला हाईकोर्ट में पेश हुआ। 3 अगस्त को हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में जिला अदालत का निर्णय बरकरार रखा। कोर्ट ने निर्णय दिया कि ASI ज्ञानवापी परिसर में इमारत के किसी हिस्से में सर्वेक्षण कर सकता है।