असम से कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नरेंद्र मोदी पर एक बड़ा आरोप लगा दिया, जिसके बाद संसद में बखेड़ा खड़ा हो गया।

8 अगस्त को लोकसभा में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इस प्रस्ताव पर असम से आने वाले कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बहस शुरू की। कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपने बोलने वालों के क्रम में बदलाव किया, हालांकि पहले कहा गया था कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी चर्चा की शुरुआत करेंगे। लेकिन बाद में कहा कि गौरव गोगोई अविश्वास प्रस्ताव पर सबसे पहले चर्चा करेंगे, राहुल गांधी नहीं। अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिनों तक आठ घंटे की चर्चा होनी है। 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अविश्वास प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देंगे।
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अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सांसद गौरव गोगोई पर अमित शाह भड़क गए !
गौरव गोगोई ने बहस की शुरुआत में कहा,
हम आपके (स् पीकर) चैंबर में होने वाली घटनाओं को नहीं बताते..। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वहां की बातें कभी बताते हैं..। हमने कभी कुछ कहा?
इस पर सत्ता पक्ष के लोग हंगामा करने लगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उठकर खड़े होकर गोगोई को चुनौती दी कि घटनाक्रम का विवरण दें। आज बताओ।
हमारा लक्ष्य प्रधान मंत्री मोदी का मौनव्रत तोड़ना है: गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बहस में कहा,
हम मणिपुर के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं। मणिपुर की युवा पीढ़ी न्याय की मांग करती है। मणिपुर की बेटी न्याय की मांग करती है। मणिपुर के किसान न्याय चाहते हैं। भारत भी प्रभावित हुआ है अगर मणिपुर प्रभावित हुआ है। यह सिर्फ मणिपुर की बात नहीं है। बल्कि भारत की बात है। हम इस दुख की घड़ी में मणिपुर के साथ पूरे देश के साथ होने का एक संदेश चाहते थे, लेकिन खेद है कि ऐसा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री साहब ने मौन धारण किया। वह न राज्यसभा में बोलेंगे न लोकसभा में। इसलिए हम अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं।
मणिपुर पर कुछ कहने में 3 महीने क्यों लगे?
गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक मणिपुर क्यों नहीं गए। मोदी को मणिपुर पर कुछ कहने में ३ महीने क्यों लग गए? PM मोदी ने संवेदना या शांति की अपील क्यों नहीं की? मंत्री जो कुछ भी कहते हैं, कोई नहीं रोकता, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में जो शक्ति है, वह किसी भी मंत्री में नहीं है। गोगोई ने कहा कि
हमारा तीसरा प्रश्न है कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया। गुजरात में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री दो बार बदले गए। त्रिपुरा और उत्तराखंड में भी मुख्यमंत्री बदल गए। लेकिन मणिपुर के मुख्यमंत्री को ऐसा कौन सा वरदान मिला है?’
हमने पहले कभी समाज के दो वर्गों के बीच इतना आक्रोश और क्रोध नहीं देखा था। प्रदेश में एक ऐसी लकीर खींची गई है कि पहाड़ पर एक वर्ग रहता है और वैली में दूसरा।’
PM को सिर्फ अपनी छवि से लगाव: गौरव गोगोई
संसद में गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री छवि से लगाव रखते है। उन्हें ड्रग्स या अन्य समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी के मौन रहने का दूसरा कारण यह है कि गृह विभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने काम नहीं किया है। लोगों के पास पांच हजार से अधिक हथियार हैं। भीड़ थाने में घुसकर 6 लाख गोलियां, इंसास और एके-47 ले गई है। गोगोई ने सवाल उठाया कि क्या ये राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न नहीं है? देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कहाँ हैं?
उनका कहना है कि मणिपुर पुलिस, भारतीय सेना के सैनिकों और निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाई जाएंगी। ये हथियार सिर्फ मणिपुर नहीं जाएंगे; वे पूरे भारत में जाएंगे और अशांति फैलाएंगे। दुःख की बात है कि मुख्यमंत्री असम राइफल्स और केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के घर से विधायक पूछ रहे हैं कि केंद्रीय बल क्या कर रहे हैं और ये हथियार कहां से आए?
आज मणिपुर पुलिस केंद्रीय बल पर और केंद्रीय बल मणिपुर पुलिस पर हावी है। गृहमंत्री, 51 सदस्यों की पीस कमेटी बनाई गई है, लेकिन कितनी बार इसकी बैठक हुई? यूकेएलएफ के प्रमुख लीगल बयान में कहा गया है कि बीजेपी ने उग्रपंथी संगठन के साथ काम किया। यह उनका राष्ट्रवाद है जो देश की एकता को खतरा बना रहा है। पूर्वोत्तर में हुए सभी महत्वपूर्ण वादे असफल रहे हैं।
सोनिया गांधी पर निशिकांत दुबे ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई के भाषण के बाद स्पीकर ने बीजेपी नेता निशिकांत दुबे को बोलने के लिए कहा। निशिकांत दुबे ने कहा कि वे पहले सुन रहे थे कि राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने आएंगे, लेकिन वह नहीं आये। शायद देर से उठे होंगे। गौरव गोगई ने पहले बहस शुरू की, यह अच्छा है।
फिर निशिकांत दुबे ने कहा,
गौरव गोगोई ने कहा कि हमें मणिपुर के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी। सरकार के पद पर बैठे बहुत से लोग मणिपुर नहीं गए होंगे। मैं मणिपुर के इतिहास से पीड़ित हूँ। मेरे मामा ने मणिपुर में अपना पैर खो दिया। वह सीआरपीएफ के डीआईजी थे। आपकी (कांग्रेस) सरकार ने एनके तिवारी को गिरफ्तार कर लिया जब वे मणिपुर में आईजी बनकर गए। आप राष्ट्रवाद की बात कहते हैं। असम में 1983 के चुनाव में कितने प्रतिशत लोगों ने वोट दिया था? कितने लोग मर गए?’
सोनिया ने पूरी तरह से बताया कि भारतीय महिलाओं को क्या करना चाहिए। बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है!’दुबे ने इस दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हमला बोला,
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि ये उस आदमी के खिलाफ लाया जा रहा है जिसने लोगों को शौचालय और पीने का पानी दिया। सभी मौन धारण किए हुए थे जब द्रौपदी का चीरणहरण हो रहा था। धृतराष्ट्र और युधिष्ठिर की तरह कोई नहीं बचेगा। 2024 में बीजेपी चार सौ सीटों के साथ फिर से सत्ता में आ जाएगा।
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